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नवोत्कर्ष : विभूतियों के सम्मान संग बरसा काव्य रस

लखनऊ। सामाजिक और साहित्यिक संस्था प्रहर्ष फ़ाउन्डेशन द्वारा कावेरी अपार्टमेंट गोमतीनगर में आयोजित दो दिवसीय काव्य अधिवेशन एवं सम्मान समारोह "नवोत्कर्ष" सोमवार को प्रारंभ हो गया। इस अवसर पर आयोजित सम्मान समारोह में डॉ. सर्वेश अस्थाना को प्रहर्ष सम्मान, ज्योति किरन रतन को प्रहर्ष कल्याणी सम्मान, आदित्य द्विवेदी को बाण सम्मान, अनुपम श्रीवास्तव को वागीश सम्मान और डॉ. उमाकांत सहाय को बृज किशोर सम्मान से सम्मानित किया गया।

संस्था की अध्यक्ष अंतरराष्ट्रीय कवयित्री डॉ. सुमन दुबे ने नवोत्कर्ष की परिकल्पना को मूर्त रूप देते हुए अपने वक्तव्य में ये स्पष्ट किया कि प्रहर्ष द्वारा नवोत्कर्ष कार्यक्रम के अंतर्गत उन नई प्रतिभाओं को मंच से जोड़कर मुख्य धारा में लाना है, जो काव्य क्षेत्र में सराहनीय कार्य कर रहे हैं। ऑनलाइन प्रतियोगिता में 107 प्रतिभागियों के वीडियो प्राप्त हुए, जिनमें से 16 प्रतिभागियों का चयन करके अधिवेशन में आमंत्रित किया गया। पहले सत्र में इन 16 प्रतिभागियों की काव्य प्रतियोगिता चली। यहां विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि अखिलेश कुमार सिंह, अध्यक्षता कर रहे एस.एस.उपाध्याय और विशिष्ट अतिथि रामकृष्ण यादव व सुशील दुबे उपस्थित रहे।  

द्वितीय सत्र में आमंत्रित वरिष्ठ कवियों द्वारा नवोदित रचनाकारों को काव्य के गूढ़ तत्व बताए गए एवं कवि सम्मेलन का आयोजन भी हुआ। जिसमें डॉ. संजय मिश्रा शौक, मुकुल महान, डॉ. अशोक अज्ञानी, तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, राजीव वर्मा वत्सल, मंजुल मिश्रा मंज़र, अरविंद झा, डॉ. सुभाष चंद्र रसिया, हर्षित मिश्रा रहे। कवि सम्मेलन का संचालन संजय सांवरा ने किया। प्रहर्ष समिति में संस्था की उपाध्यक्ष अंशु दुबे, कोषाध्यक्ष सुधा गुप्ता, व्याख्या मिश्रा, वत्सला पांडेय, विख्यात मिश्रा, अखिल तिवारी, चंदन तिवारी, हरीश मिश्रा, आलोक, अमन, अमर, सत्यम पांडेय, प्रज्ञा, मुस्कान, ऋतु भारती, राधा शुक्ल उपस्थित रहीं। दूसरे दिन मंगलवार को तृतीय सत्र में सभी प्रतिभागियों के लिए लखनऊ भ्रमण की व्यवस्था की गई है।

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