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अब निकायों में तबादलों पर उठे सवाल, नगर विकास मंत्री तक पहुंची बात

लखनऊ। स्वास्थ्य विभाग ही नहीं नगर विकास विभाग में भी स्थानान्तरण पर सवाल उठ रहे हैं। आरोप है कि स्थानान्तरण नीति का पालन ही नहीं किया गया। राजस्व संवर्ग / अधिशासी अधिकारी संवर्ग एवं अन्य कई संवर्गों में जिलों में अधिकारी व कार्मिक 10 वर्ष से अधिक समय से जमे हुए हैं। मुख्य रूप से राजस्व संवर्ग में गृह जनपद में भी कार्मिक तैनात हैं, परन्तु उन कार्मिकों के अन्यत्र जिलों में स्थानान्तरण न कर 01 से 02 वर्षों से भी कम समय से तैनात कार्मिकों के स्थानान्तण किये गये हैं। यह सभी तबादले विभिन्न संवर्गों के स्थानान्तरण निदेशालय स्तर से किये गये है।

स्थानीय निकाय मिनिस्ट्रीयल सेवा संघ ने स्थानान्तरण नीतियों के विरुद्ध तबादले किए जाने पर नगर विकास मंत्री एके शर्मा से शिकायत की है।


संघ के अध्यक्ष संदीप कुमार पांडेय ने स्थानान्तरण नीति में जनपद में कार्यरत 03 साल से अधिक एवं मण्डल में 07 वर्ष से अधिक जमे कार्मिकों को अन्यत्र स्थानान्तरण किये जाने का प्राविधान है।

नीति आयोग ने 08 जिलों को महात्वांकाक्षी जिले घोषित किया है, जिनमें बलरामपुर, बहराइच, चित्रकूट, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र, चंदौली, फतेहपुर श्रावस्ती, सम्मिलित हैं। इन जिलों में प्रत्येक विभागाध्यक्ष द्वारा प्रत्येक दशा में समस्त पदों पर तैनाती कर संतृप्त कर दिया जायेगा एवं 02 वर्ष बाद वहां तैनात कार्मिकों से विकल्प प्राप्त कर उन्हें स्थानान्तरित किया जाए। महात्वाकांक्षी जिलों से कार्मिकों, अधिकारियों को स्थानान्तरण किया तो गया परन्तु वहाँ पर तैनात नहीं किया गया है। 

संघ ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न सेवा संवर्गों के अधिकारियों / कार्मिकों महात्वाकांक्षी जिलों जिसमें बलरामपुर, बहराइच व अन्य जिलों में कई संवर्गों से संबंधित अधिकारियों व कार्मिकों के अन्यत्र स्थानान्तरण तो कर दिया गये, परन्तु वहाँ किसी अन्य अधिकारी / कार्मिक की तैनाती प्रदान नहीं की गयी, जोकि स्थानान्तरण नीति के विपरीत है। प्रोन्नति सेवा समाप्ति, सेवानिवृत्ति, पति-पत्नी दोनों सरकारी सेवा में हो, तो उन्हें यथासंभव एक ही जनपद / नगर / स्थान पर तैनात करने के लिए स्थानान्तरण किया जायेगा जैसे कई स्थानान्तरण नीति के महत्वपूर्ण नियमों को दरकिनार करते हुए विभिन्न सेवा संवर्गों में स्थानान्तरण किये गये हैं। 

लखनऊ नगर निगम में कई कार्मिक 15 से 20 वर्षों से अधिक समय से जमे हुए हैं, उन्हें छोड़ मात्र 01 से 02 वर्षों से कम समय से तैनात कार्मिकों / अधिकारियों का स्थानान्तरण किया गया हैजो कि स्थानान्तरण नीतियों के विरूद्ध है। 

महात्वाकांक्षी जिलों जिसमें नगर पंचायत जरवल जनपद बहराइच में किसी अधिशासी अधिकारी की तैनाती न किये जाने नगर पालिका परिषद, बहराइच से 01 वर्ष से भी कम समय से तैनात अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद, बहराइच को नगर पालिका परिषद, बस्ती जनपद बस्ती में तैनात किया जाना जबकि महात्वाकांक्षी जिलों के बारे में नीति में अंकित है, कि 02 वर्ष के बाद ही विकल्प प्राप्त कर अन्यत्र स्थानान्तरित किया जायेगा। राजस्य सवर्ग व अन्य कई संवर्ग के कार्मिक जो अपने गृह जनपद में तैनात हैं, को अन्यत्र जिलों में स्थानान्तरित न किया जाना स्थानान्तरण नीतियों की धज्जियां उड़ाने जैसा प्रतीत होता है।

शासनादेश में यह भी व्यवस्था दी गयी है, कि कार्मिकों के पटल / क्षेत्र परिवर्तन कि पूर्व में तैनात कार्मिक का औपचारिक या अनौपचारिक उस पटल पर प्रभाव न हो के संबंध में प्रत्येक विभागाध्यक्ष शासन को 30 जून तक तक यह प्रमाण पत्र देंगे कि उनके अधीन मुख्यालय में 03 वर्ष से अधिक अवधि का कोई कार्मिक एक ही पटल पर तैनात नहीं है। निदेशालय द्वारा प्रदेश स्तर के विभिन्न संवर्गों के स्थानान्तरण तो किये गये, परन्तु नगर निकाय निदेशालय में ही 03 वर्ष से अधिक समय से एक ही पटल पर कार्यरत कार्मिकों के स्थानान्तरण न किया जाना मा० मुख्यमंत्री जी एवं शासन के उच्चादेशों की अवहेलना है। महोदय यह तो चिराग तले अंधेरे वाली बात हो गयी। निदेशालय में 03 वर्ष से अधिक समय से जमे अधिकारियों / कार्मिकों के पटल परिवर्तन कराये जायें। 

स्थानान्तरण नीतियों के विपरीत किये गये स्थानान्तरणों को निरस्त किये जाने के साथ ही वास्तव में प्रोन्नति, सेवा समाप्ति, सेवानिवृत्ति, पति-पत्नी दोनों सरकारी सेवा में हो, या किसी कार्मिक का बच्चा मंदित हो या बच्चों की पढ़ाई वृद्ध माता-पिता की देखभाल के लिए यदि किसी कार्मिक द्वारा स्थानान्तरण चाहा गया हो तो उन्हें यथासंभव एक ही जनपद / नगर / स्थान पर तैनाती किए जाने की मांग की है।

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