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AKTU : मिला लैपटॉप तो खिल उठे मेधावियों के चेहरे, कुछ इस अंदाज में बयां की ख़ुशी

एकेटीयू ने यूपीएसईई एग्जाम 2019 बैच के शीर्ष दौ सौ रैंकिंग पाने वाले छात्र-छात्राओं को दिया लैपटॉप

लखनऊ। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में रविवार को यूपीएसईई एग्जाम 2019 बैच के शीर्ष 200 रैंकिंग पाने वाले छात्र-छात्राओं को लैपटॉप दिया गया। बतौर मुख्य अतिथि मौजूद प्राविधिक शिक्षामंत्री आशीष पटेल के हाथों लैपटॉप पाकर मेधावियों के चेहरे खिल गये। कार्यक्रम में शीर्ष सौ रैंकिंग पाने वाले अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छात्र-छात्राओं और शीर्ष सौ रैंकिंग पाने वाले सामान्य व अन्य पिछड़ा वर्ग की छात्राओं को लैपटॉप दिया गया।

समय के साथ बदलना होगा

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्राविधिक शिक्षामंत्री ने छात्र-छात्राओं को सफलता का मंत्र दिया। उन्होंने कहा कि यह समय तकनीकी का है। जिसमें समय-समय पर बदलाव हो रहा है। छात्रों को इस बदलाव के साथ खुद को बदलते रहना है। जो समय और उद्योगों की मांग है उसके अनुरूप तैयार करना होगा। अब सिर्फ किताबों को पढ़कर काम करने का जमाना नहीं है बल्कि काम करके खुद को साबित करना होगा। बहुआयामी कौशल की जरूरत है। जो यह नहीं कर पाएगा वह पिछड़ जाएगा। 

वहीं, उन्होंने शिक्षकों को सुझाव देते हुए कहा कि शिक्षकों का भी यह दायित्व है कि वह अपने छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के साथ ही उनके बेहतर प्लेसमेंट के बारे में प्रयास करें। जिससे कि छात्र अच्छी जगहों पर जा सकें। साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि छात्रों को क्लासरूम की पढ़ाई से ज्यादा प्रैक्टिकल कराने की जरूरत है। इसके लिए छात्रों को विभिन्न संस्थानों, लैब, उद्योगों और कार्यस्थल का दौरा कराना चाहिए। जिससे कि छात्रों को पता चले कि वास्तव में फील्ड में किस तरह का कार्य होता है। इसका फायदा उन्हें आने वाले वक्त में मिलेगा। 

उन्होंने कहा कि हमारे विश्वविद्यालयों में अपार संभावनाएं हैं, बस जरूरत है सही दिशा में कार्य करने की। प्राविधिक शिक्षा में उच्च मानदण्ड और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सभी को मिलकर कार्य करने की जरूरत है। जिससे कि प्रदेश के छात्र दूसरी जगहों पर जाने की बजाय यहीं पर शिक्षा लें। विश्वविद्यालय को अपने यहां के प्रतिभा को सहेजकर रखने की जरूरत है। कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र ने कहा कि विश्वविद्यालय प्राविधिक शिक्षा को नये आयाम और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए तत्पर है। लैपटॉप मिलना इस बात का प्रतीक है कि छात्रों ने कितनी मेहनत की होगी। यह सिर्फ छात्रों का सम्मान नहीं है बल्कि विश्वविद्यालय का सम्मान है। विश्वविद्यालय से निकलने वाले छात्र अपनी मेधा और शिक्षा के बल पर आगे बढ़ रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि कुछ चुनौतियां भी हैं। सबको साथ मिलकर कार्य करने से समाधान भी संभव है। इसके पहले कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन और विश्वविद्यालय कुलगीत से हुआ। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अनुज शर्मा ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव सचिन कुमार सिंह ने दिया। इस मौके पर प्रति कुलपति प्रो. मनीष गौड़, वित्त अधिकारी जीपी सिंह, प्रो. वंदना सहगल, प्रो. एमके दत्ता, उपकुलसचिव डॉ. आरके सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

लैपटॉप पाने वाले छात्र-छात्राओं ने कही ये बात

लैपटॉप मिलने से कई तरह की सहूलियत हो गयी है। वैसे मैं मैकेनिकल इंजीनियरिंग से हूं मगर आईटी क्षेत्र में जाना है। लैपटॉप मिल जाने से कोडिंग करने में आसानी होगी। विश्वविद्यालय का आभार जताता हूं।

निखिल कुमार, आइईटी, लखनऊ, बीटेक मैकेनिकल इंजीनियरिंग, फाइनल ईयर

लैपटॉप की बहुत जरूरत थी। कम्प्यूटर साइंस टेªड का होने के नाते मुझे ज्यादातर काम लैपटॉप पर ही करने पड़ते हैं। ऐसे में लैपटॉप मिलना बेहद अच्छा लगा। इससे मैं अपने प्रोजेक्ट आसानी से कर सकूंगा।

अनूप, आइईआरटी, गोरखपुर, बीटेक सीएस

मेरे पास पहले से एक लैपटॉप है मगर वह सही से काम नहीं करता है। ऐसे में विश्वविद्यालय की ओर से लैपटॉप मिलने से काम करने में आसानी हो जाएगी। साथ ही कई प्रोजेक्ट भी पूरा कर पाउंगी।

बबिता नायक, एमबीए, आईसीसीएमआरटी, लखनऊ

मधुरिमा सिंह
ऐसा लग रहा है कि मेरी मेहनत का फल मिला हो। वाकई लैपटॉप पाकर बहुत अच्छा लग रहा है। इससे न केवल मुझे आगे और बेहतर करने की उर्जा मिलेगी बल्कि अन्य छात्रों को भी मेहनत करने की प्रेरणा देगी।

मधुरिमा सिंह, आइईटी, लखनऊ, बीटेक सिविल इंजीनियरिंग।

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