google.com, pub-1705301601279513, DIRECT, f08c47fec0942fa0/> हनुमान ने लंका में लगाई आग, रावण के दरबार में अंगद ने जमाया पैर

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हनुमान ने लंका में लगाई आग, रावण के दरबार में अंगद ने जमाया पैर

लखनऊ। ''बिन पूंछे पूंछ घुमा कपि ने उद्यान उजाड़ा सारा, अतएव निपूंछा करो इसे अब यह आदेश हमारा है' रावण का आदेश मिलते ही हनुमान जी की पूंछ में आग लगा दी जाती है तो हनुमान जी कहते है कि हे दुष्ट रावण अब यही पूंछ तेरा अभिमान चूर कर देगी। हनुमान जी अपनी पूंछ से पूरी लंका में आग लगा देते है और पूरी लंका धूं-धूं कर जल उठती है। सेक्टर-ए सीतापुर रोड योजना कालोनी में चल रहे रामलीला के 30वें मंचन के चौथे दिन मंगलवार को मंचन का शुभारंभ मां दुर्गाजी व बजरंगी की आरती से हुआ। इस मौके पर एसआर ग्रुप के चेयरमैन व भाजपा एमएलसी पवन सिंह चौहान सहित कई गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।

जिसके पश्चात् बालि वध, माता सीता की खोज, लंका दहन, विभीषण शरणागति, राजकुमार वध व अंगद-रावण संवाद का मंचन देख दर्शक भाव विभोर हो गये और करतल ध्वनि से कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। ''लो यह मेरी चूड़ामणि लो, उनके चरणों में रख देना...'' अपनी पूंछ की आग बुझाकर हनुमान जी माता सीता के सम्मुख आते है तो माता सीता उन्हें चूड़ामणि देती है जिसके पश्चात् माता सीता से आज्ञा लेकर हनुमान जी सागर पार कर वानरों के पास आ जाते है। दर्शकों ने अंगद-रावण संवाद का भी आनंद लिया और कलाकारों के अभिनय की जमकर सराहना की। 
रावण के दरबार में पहुंचे अंगद का पैर उठाने में वहां मौजूद सभी योद्धा असफल हो जाते हैं। जिसके बाद रावण खुद रावण खुद अंगद का पैर उठाने के लिए आगे बढ़ता है। यह देख अंगद ने कहा "हे रावण क्यों दूत के पैर पकड़ता है, प्रभु राम के पैर पकड़ने में क्यों लज्जा खाता है।" इसलिए "त्याग कर वैरभाव उज्जवल मनका दर्पण करिए, कीजिए संधि रघुनायक से सीता मां को अर्पण करिए।" समिति के अध्यक्ष सुरेश तिवारी व महामंत्री जितेंद्र मिश्र ने बताया कि बुधवार को रावण वध, श्रीराम राज्याभिषेक व पारितोषिक वितरण के साथ पांच दिवसीय रामलीला का समापन होगा।

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