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"ऐहिं ठइयां झुलनि हेराय गईली..."

लखनऊ। श्री रामलीला परिसर ऐशबाग में चल रहे भारतीय नववर्ष मेला एवं चैती महोत्सव-2023 की चौथी संध्या में भरतनाट्यम व उपशास्त्रीय गायन ने मंत्रमुग्ध किया। सांस्कृतिक सन्ध्या का शुभारम्भ लोकगायिका संध्या मिश्रा ने देवी गीत से कर चैती- ऐहिं ठइयां झुलनि हेराय गईली, कजरी- मिर्जापुर कइला गुलजार हो, लोकगीत- रेलिया बैरन पिया को लिये जाय रे और बनारसी दादरा रंगी सारी चुनरिया को सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। सोमनाथ ने भी कजरी, चैती और होली संग अन्य लोकगीतों की सरिता प्रवाहित की। 


शमशुर्रहमान नवेद के नृत्य निर्देशन में अभिलाषा सिंह, अश्विनी श्रीवास्तव, पंकज पान्डेय, अनुष्का श्रीवास्तव, यशिका शुक्ला, शुभी अग्रवाल, अनुज श्रीवास्तव, ज्योति भट्ट, सिन्जिनी सौम्बिता और शमशुर्रहमान ने दक्षिण भारतीय शास्त्रीय नृत्य शैली भरतनाट्यम में कृष्णामृत नृत्य नाटिका की हृदयग्राही प्रस्तुति दी। निशी मिश्रा के नृत्य निर्देशन में दक्षिता, विदुषी, अंशीका, तान्या, चैरी, उत्सवी, शुभी, रक्क्षीता, अनवी, रेहा, आदया ने श्री राम चन्द्र कृपाल भजमन पर आकर्षक नृत्य प्रस्तुत किया।भास्कर बोस के निर्देशन में नाटक भगवान परशुराम चरित्र का मंचन किया गया। जिसमें शंकर पाल, सैमुल, संजीत मंडल, प्रिंस, अपर्णा, प्रिया पांडेय सहित अन्य कलाकारों ने प्रस्तुति दी।

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