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नहीं मिला टिकट तो निर्दलीय ताल ठोंक सकते पार्षदी के दावेदार

लखनऊ (शम्भू शरण वर्मा)। नगर निगम चुनाव का बिगुल बज चुका है, 11 अप्रैल से नामांकन प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है और अब नामांकन के लिए 3 दिन ही बचे है। लगभग सभी प्रमुख दलों में दावेदारों की लंबी सूची है। कांग्रेस ने 15 वार्डों और बसपा ने 30 वार्डों में प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। लेकिन अभी तक भाजपा, सपा ने पार्षद प्रत्याशियों की सूची जारी नहीं की है। ऐसे में जहां दावेदारों की धड़कनें तेज हो गई है वहीं टिकट न मिलने पर कई दावेदार बगावत का बिगुल भी फूंक सकते है। कई दावेदार टिकट न मिलने पर पाला बदलने और निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना रहे हैं। अधिकांश वार्डों में सर्वाधिक दावेदार भाजपा के है। जिसमें कई ऐसे भी चेहरे शामिल हैं जिन्होंने वर्ष 2017 के नगर निगम चुनाव में टिकट न मिलने पर भाजपा प्रत्याशियों के खिलाफ निर्दलीय ताल ठोंकी थी। जबकि कुछ ने पार्टी नेताओं के कहने पर अपना नाम वापस ले लिया था। सभी दावेदार टिकट के लिये पार्टी नेताओं की गणेश परिक्रमा करने के साथ ही जनता के बीच में जाकर टिकट मिलने का दावा भी कर रहे है। यही नहीं पार्षदी की तैयारी कर रहे दावेदार जनता के बीच पैठ बनाने की पुरजोर कोशिश में लगे है, वहीं मतदाता भी प्रत्याशियों के चयन को लेकर चर्चा कर रहे है। कई दावेदारों ने तो नामांकन पत्र के साथ ही सभी दस्तावेज भी पूरे कर लिए है और प्रत्याशियों की सूची जारी होने का इंतजार कर रहे है। 

नामांकन के चौथे दिन शुक्रवार को कल्याण मंडप महानगर में शहीद भगत सिंह वार्ड प्रथम से निर्दलीय उम्मीदवार पूर्व पार्षद राजेश्वरी और बाबू जगजीवन राम वार्ड से निर्दलीय उम्मीदवार पूर्व पार्षद अखिलेश सिंह ने नामांकन पत्र दाखिल किया। वहीं नामांकन प्रक्रिया जानने के लिये निवर्तमान, पूर्व पार्षदों व भाजपा पदाधिकारियों सहित कई दावेदार पहुंचे जिसमें अधिकांश भाजपा से दावेदारी कर रहे हैं। सभी ने टिकट मिलने का दावा भी किया। नामांकन स्थल पहुंचे जानकीपुरम वार्ड द्वितीय से दावेदारी कर रही पूर्व पार्षद राजकुमारी मौर्या के पति राजकुमार मौर्या ने भाजपा से टिकट मिलने का दावा किया। उनका दावा था कि टिकट फाइनल हो चुका है और लिस्ट जारी होते ही नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। वहीं इस बात की भी सुगबुगाहट है कि टिकट न मिलने पर कई दावेदार बगावत भी कर सकते हैं और निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना चुके है। जिसमें लखनऊ के चर्चित इलाके के महिला आरक्षित वार्ड से दावेदारी कर रही एक महिला नेत्री भी शामिल है। वहीं कई वार्डों के राजनैतिक गलियारे में तो इस बात की भी चर्चा है कि यदि भाजपा ने सही प्रत्याशी का चयन नहीं किया तो पार्टी को हार का सामना करना पड़ेगा। इनमें वो वार्ड भी शामिल है जहां भाजपा के सीटिंग पार्षद या उनके परिजन चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में राजनैतिक दलों को अपनों की नाराजगी का भी सामना करना पड़ेगा।

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