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विश्व मलेरिया दिवस पर संगोष्ठी, जागरूकता रैली संग हुई पोस्टर प्रतियोगिता

लखनऊ। फैमिली हेल्थ इण्डिया, गोदरेज एवं जिला स्वास्थ्य समिति के सहयोग से संचालित एम्बेड परियोजना के अन्तर्गत विश्व मलेरिया दिवस पर जनपद के विभिन्न संवेदनशील बस्तियों में विविध कार्यक्रम यथा संगोष्ठी, जागरूकता रैली, पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित की गई। संगोष्ठी का शुभारम्भ राज्य कीट वैज्ञानी डा. सुदेश कुमार, प्रदीप सिंह (निदेशक नेहरू युवा केन्द्र संगठन भारत सरकार) एवं जिला मलेरिया अधिकारी डा. रितु श्रीवास्तव ने किया। उक्त अवसर पर आयोजित पोस्टर प्रतियोगिता में जनपद के विभिन्न बस्तियों के यूथ क्लब के युवा स्वयं संवकों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। इन युवा स्वयंसेवको द्वारा मलेरिया रोग से बचाव के विचारों का सुंदर चित्रण किया गया। सावधानियों को कलाकृतियों में उतार कर बहुत ही खूबसूरत तरीके से प्रस्तुत किया है। इस चित्रण प्रतियोगिता में प्रगति पाण्डेय (अध्यक्ष पैशन यूथ क्लब, बी-ब्लाक), खुशबू कुमारी (दि हीरो यूथ क्लब बस्तौली) एवं निशा लोधी (परिन्दे यूथ क्लब, इन्दिरा नगर) को ट्राफी प्रदान कर किये गये प्रयासों की सराहना की गई।

निदेशक नेहरू युवा केन्द्र संगठन उत्तर प्रदेश प्रदीप सिह ने एम्बेड युवा स्वयंसेवको को सम्बोधित करते हुए कहाकि युवाओं की भागीदारी किसी भी राष्ट्रीय कार्यक्रम की सफलता निर्धारित करती है। युवाओं के पास असीमित ऊर्जा है। उसे सकारात्मक दिशा में लगाने के कार्य में फेमिली हेल्थ इण्डिया महती भूमिका निभा रहा है। उन्होंने विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर श्रेष्ठ पोस्टर बनाने वाले युवा क्लबों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। डा. सोैरभ पालीवाल (एआरटी सेन्टर केजीएमयू) एवं डा. आशमा खान (निदेशक ह्युमन फाउडेशन) ने युवा स्वयंसेवको को आपातकालीन चिकित्सा के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया। जिला आपदा विशेषज्ञ अमर सिंह ने युवाओं को आपदा में प्रशासन का सहयोग करने की अपील की। उन्होंने वार्ड स्तर पर तैनात आपदा मित्र के प्रशिक्षण आदि की जानकारी दी। डा. आफिया बानो (सहायक प्रोफेसर स्वामी रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी) ने ड्रग सेवन के दुष्परिणामो पर चर्चा करते हुए इनसे बचने की अपील की। नीति कुशवाहा ने इस अवसर पर बाल अधिकारों पर विस्तृत चर्चा किया।     
डा. सुदेश कुमार ने बताया कि मलेरिया को होने से रोका जा सकता है यह स्वयं हमारे अपने हाथों में है। उन्होंने बताया कि मलेरिया बुखार मच्छरों से होनेे वाला एक तरह का संक्रमण रोग है। जो मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होता है। इस मच्छर के काटते ही व्यक्ति के शरीर से प्लाजमोडियम नामक जीवाणु प्रवेश कर जाता है। इसके बाद वह रोगी के शरीर में पहुंचकर उसके कई गुना वृद्धि कर देता है। यह जीवाणु लीवर और रक्त कोषिकाओं को सक्रमित करके व्यक्ति को बीमार बना देता है। समय पर इलाज न मिलने पर यह रोग जानलेवा भी हो सकता है। 
जिला मलेरिया अधिकारी डा. रितु श्रीवास्तव ने बताया कि मलेरिया का उपचार संभव है, इससे बचने के लिए सावधानी बरतनी जरूरी है। जन-सामान्य को जागरूक करने के मकसद से प्रत्येक वर्ष 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरूआत साल 2007 से की गई थी, इस दिन को इसलिए शुरू किया गया था जिससे कि आम लोगों का ध्यान इस खतरनाक बीमारी की ओर जाए, क्योंकि हर साल लाखों की मौत इस बीमारी से हो जाती है। इस साल विश्व मलेरिया दिवस की थीम ‘शून्य मलेरिया देनेे का समय- निवेश, नवचार, एवं कार्यान्वयन है।' देश को 2027 तक मलेरिया मुक्त करने का और 2030 तक इसके उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है। 

इस अवसर पर मलेरिया निरीक्षक नवनीत राय, सोनी शर्मा, हर्ष यादव, रिता अवस्थी, रामप्रताप, कुशान, शाजिद अली, दीक्षा पाण्डेय, मोनी कुमारी, प्रगति पाण्डेय, खुशबू कुमारी, रविता कुमारी, मोनी गौतम, शालिनी चन्द्रा, हर्षिता कुमारी, मारिया, सिमरन, रोशनी, शानू कन्नौजिया अंजली जोशी, अन्नू, शालू मण्डल, प्रियंका राजपूत, मानिका कश्यप एवं विभिन्न यूथ क्लब के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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