Pages

नाटक के माध्यम से बच्चों ने दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश

लखनऊ। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, एकीकृत क्षेत्रीय कार्यालय, लखनऊ द्वारा मिशन लाइफ कार्यक्रम के तहत स्कूली बच्चों के बीच नाटक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। बच्चों के लिए आयोजित यह नाटक प्रतियोगिता समर कैम्प का हिस्सा था। इस कैंप में 22 मई से 26 मई तक विभिन्न विद्यालयों के कक्षा छठी से आठवीं तक के कुल 23 विद्यार्थियों ने सक्रिय रूप से हिस्सा लिया। बच्चों ने पर्यावरण जागरूकता पर क्विज, पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता, घरेलू बेकार सामग्री से पॉट बनाना और गमलों में पौधारोपण जैसी गतिविधियों में हिस्सा लिया। अंत में बच्चों द्वारा हमारी प्रकृति की रक्षा और स्थायी आजीविका को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता पैदा करने के लिए स्क्रिप्ट प्रस्तुति प्रतियोगिता के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया। 23 बच्चों ने खुद को 4 समूहों में अलग किया और प्रत्येक समूह ने उप महानिदेशक डॉ. विवेक सक्सेना, अपर महानिदेशक वन विजय कुमार, प्रेस और सूचना ब्यूरो, उप महानिरीक्षक की उपस्थिति में दर्शकों को संदेश को खूबसूरती से संप्रेषित किया। वन विभाग की डॉ. प्राची गंगवार, पत्र एवं सूचना ब्यूरो के निदेशक मनोज कुमार वर्मा, डॉ. एके गुप्ता (अपर निदेशक), डॉ. सत्या (अपर निदेशक) और डॉ. प्रीति त्रिपाठी (उप निदेशक), बच्चों के अभिभावक और अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ एमओईएफएंडसीसी, आईआरओ लखनऊ उपस्थित रहे।

विद्यार्थियों ने नाटक के माध्यम से लोगो का बताया कि मिशन लाइफ दुनिया में तेजी से बदलते जलवायु परिवर्तन को रोकने का एक वैश्विक कैंपेन है। इस योजना के तहत भारत अपने नेतृत्व में दुनिया के सभी शीर्ष कार्बन उत्सर्जन करने वाले देशों के साथ मिलकर वैश्विक तापमान को कम करने और जलवायु परिवर्तनों से होने वाले नुकसान को कम करने को लेकर काम करेगा। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के अनुसार, मिशन लाइफ भारत के नेतृत्व वाला पहला वैश्विक जन आंदोलन हैं जो पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक कार्रवाई को प्रेरित करेगा। एक नाटक में चार बच्चों के समूहो ने बताया कि UN के COP कार्यक्रम की उबाऊ नीतियों से सबक लेते हुए भारत और संयुक्त राष्ट्र ने इसे तीन मंत्रों, मतलब तीन स्ट्रेटेजी से मिलकर तैयार किया है। पहली रणनीति के तहत सभी देश अपने नागरिकों को दैनिक जीवन में सरल लेकिन प्रभावी पर्यावरण-अनुकूल कार्यों का अभ्यास करने के लिए प्रेरित करेंगे। दूसरी रणनीति के तहत उद्योगों और बाजारों को तेजी से बदलती मांग और आपूर्ति के हिसाब से प्रतिक्रिया देने में सक्षम बनाना है। वहीं तीसरी रणनीति में सरकार के रोल को अहम बताते हुए ऐसी नीतियों को बनवाने पर जोर दिया जाएगा जिससे स्थायी खपत और उत्पादन दोनों जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए हो।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ