google.com, pub-1705301601279513, DIRECT, f08c47fec0942fa0/> भजनों पर नृत्य की प्रस्तुति से उन्नतिश्री ने किया मंत्रमुग्ध

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भजनों पर नृत्य की प्रस्तुति से उन्नतिश्री ने किया मंत्रमुग्ध

“सृजन-कोरोना से डरो ना” ऑनलाइन शो में उन्नतिश्री ने पेश किया वंदना पर मनभावन नृत्य

लखनऊ। सृजन फाउण्डेशन के फेसबुक लिंक पर रविवार 2 मई को “कोरोना से डरो ना, उससे मिल के लड़ो ना-सीजन-2”, ऑनलाइन-शो में बाल नृत्यांगना उन्नतिश्री ने वंदना पर मनभावन नृत्य किया। उन्होंने कोरोना मुक्ति के लिए नृत्य के माध्यम से प्रभु से प्रार्थना की। उन्नतिश्री ने लोकप्रिय देवी भजन “भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे” से अपनी प्रस्तुति की शुरुआत की। इसके उपरांत कोरोना के संकट में प्रभुकृपा की कामना से उन्होंने “हे मनमोहन” भजन का चयन किया। उसके माध्यम से उन्होंने प्रार्थना की कि “हे मुरलीधर हे दामोदर, कृष्णा मुरारी हे नटनागर, भूल गए क्या विनती सुनकर, हे मनमोहन हे करुणाकर, अंधियारे में घिरी हूं हे गोपाला, ज्योतिपुंज बनकर राह, दिखाओ हे नन्दलाला।” 

अंत में उन्होंने साल 1965 में आई फिल्म खानदान में मोहम्मद रफी का गाया सुपर हिट भजन “बड़ी देर भई नंदलाला, तेरी राह तके बृजबाला” पर सुंदर नृत्य किया। सृजन फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ.अमित सक्सेना ने बताया कि इस अभियान में शामिल होने के लिए वॉट्सऐप नम्बर 8887934036 पर संपर्क किया जा सकता है। दैनिक क्रम में यह सृजन फाउण्डेशन के फेसबुक लिंक पर अपडेट किया जाएगा। उन्होंने लोगों का आवाह्न किया कि अपने चारों ओर सकारात्मक हो रही गतिविधियों को भी वह वॉट्सऐप पर भेज सकते हैं। उन्होंने विश्व हास्य दिवस पर बधाइयां देते हुए बताया कि विश्व हास्य दिवस साल 1998 में शुरु हुआ। लाफ्टर योगा मूवमेंट के संस्थापक डॉ. मदन कटारिया ने 11 जनवरी 1998 में मुंबई में पहली विश्व हास्य दिवस मनाया था। हास्य स्वाभाविक स्वस्थ रखने का सहज योग है।

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