प्रवासी श्रमिकों, बेघरों, कूड़ा बीनने वालों, फेरीवालों, रिक्शा चालकों के बनेंगे राशन कार्ड
नई दिल्ली। कोविड को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत असुरक्षित और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (यानी सड़क पर रहने वाले, कचरा बीनने वाले, हॉकर्स, रिक्शा चालक, प्रवासी श्रमिक आदि) के सभी पात्र व्यक्तियों को राशन कार्ड बनेंगे।
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव सुधांशु पाण्डेय आज पत्रकारों को पीएमजीकेएवाई-III और वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के अंतर्गत खाद्यान्न वितरण की प्रगति के बारे में जानकारी प्रदान की। "प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना" (पीएम-जीकेएवाई III) के बारे में बात करते हुए, सचिव ने कहा कि भारतीय खाद्य निगम डिपो से राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा 63.67 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा खाद्यान्न उठाया जा चुका है, जो कि मई और जून, 2021 के लिए कुल पीएमजीकेएवाई आवंटन का लगभग 80% है। 34 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा मई 2021 में लगभग 55 करोड़ एनएफएसए लाभार्थियों को लगभग 28 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न वितरित किए गए हैं और जून 2021 में लगभग 2.6 करोड़ एनएफएसए लाभार्थियों को लगभग 1.3 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न वितरित किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि 03.06.2021 तक, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत, एनएफएसए लाभार्थियों को मई और जून 2021 के लिए क्रमशः लगभग 90% और 12% खाद्यान्न वितरित किए गए हैं, जिसमें मई और जून 2021 के लिए 13,000 करोड़ रुपये से ज्यादा खाद्य सब्सिडी पर खर्च हो रहा है। पीएमजीकेएवाई के अंतर्गत मई और जून 2021 के लिए अब तक मिलने वाली खाद्य सब्सिडी 9,200 करोड़ रुपये से अधिक है।
श्री पांडेय ने कहा कि विभाग द्वारा इस योजना की लगातार समीक्षा की जा रही है और वह राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ आगे बढ़ा रहा है, जो प्रिंट/इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और उचित मूल्य दुकान पर बैनर का प्रदर्शन आदि के माध्यम से पीएम-जीकेएई III के संदर्भ में व्यापक प्रचार करने के लिए कदम उठा रहे हैं।
'वन नेशन वन राशन कार्ड' (ओएनओआरसी) के महत्व पर बल देते हुए, डीएफपीडी सचिव ने बताया कि यह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 (एनएफएसए) के अंतर्गत राशन कार्डों की राष्ट्रव्यापी पोर्टेबिलिटी का प्रारंभ, विभाग द्वारा शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी योजना और प्रयास है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में ओएनओआरसी योजना (अंतर्राज्यीय ट्रांजैक्शन सहित) के अंतर्गत पोर्टेबिलिटी ट्रांजैक्शन का मासिक औसत लगभग 1.35 करोड़ दर्ज किया जा रहा है। इसके अलावा, अगस्त 2019 में ओएनओआरसी योजना की शुरुआत के बाद से सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 27.8 करोड़ पोर्टेबिलिटी ट्रांजैक्शन हुए हैं, जिनमें से लगभग 19.8 करोड़ पोर्टेबिलिटी ट्रांजैक्शन कोविड-19 अवधि के दौरान दर्ज किए गए हैं, यानी अप्रैल 2020 से लेकर मई 2021 तक।
इन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से ओएनओआरसी योजना, 14445 टोल-फ्री नंबर और 'मेरा राशन' मोबाइल एप्लिकेशन के बारे में व्यापक प्रचार करने और जागरूकता फैलाने का अनुरोध किया गया है, जिसे हाल ही में एनएफएसए लाभार्थियों को फायदा पहुंचाने के लिए एनआईसी के सहयोग से विभाग द्वारा विकसित किया गया है, विशेष रूप से प्रवासी एनएफएसए लाभार्थियों के लिए, दस अलग-अलग भाषाओं में अर्थात अंग्रेजी, हिंदी, उड़िया, पंजाबी, तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़, गुजराती और मराठी। 'मेरा राशन' ऐप में ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रीय भाषाओं को शामिल करने की कोशिश की जा रही है।
खाद्य तेल की चुंगी में कमी करने के संदर्भ में एक प्रश्न का जवाब देते हुए, श्री पांडे ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेल की कीमतों में पहले से ही कमी आनी शुरू हो चुकी है और मांग में 15 से 20 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने कहा कि खाद्य तेल की कीमतों में लगतार गिरावट जारी है और यह प्रवृत्ति अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी दिखाई दे रही है। चूंकि, तेल की कीमतों में कमी आ रही है और जैसा कि रुझान से पता चल रहा है कि यह लगातार जारी रहेगी, इसलिए चुंगी में कमी करने की कोई आवश्यकता नहीं है, उन्होंने आगे कहा कि सरकार प्रत्येक सप्ताह स्थिति की समीक्षा कर रही है।
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