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स्कूल खोले जाने को लेकर अहम सुझाव, कई राज्यों में अगले हफ्ते से खुलेंगे स्कूल

नई दिल्ली। कोरोना वायरस की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच स्कूल खोलने की तैयारी शुरू हो गई है। कई राज्यों में स्कूल खुल भी चुके हैं तो कहीं पर खोले जाने की घोषणा कर दी गई है। अभी उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड समेत कुछ राज्य अभी निर्णय नहीं ले सके हैं लेकिन स्कूल संचालक लगातार दबाव बना रहे हैं। 

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने स्कूलों को खोलने को लेकर एक अहम सुझाव दिया है। पिछली बार unlock होने के बाद बड़े बच्चों के स्कूलों को खोला गया लेकिन छोटे बच्चों यानी नर्सरी से 5वीं या 8वीं तक के स्कूलों को खोलने से सरकारें बचती रही हैं। अब आईसीएमआर ने बिल्कुल अलग राय दी है। आईसीएमआर ने कहा है कि कुछ एहतियात के साथ पहले प्राइमरी स्कूल खोले जा सकते हैं और फिर सेकंडरी स्कूल खोले जाने चाहिए। हालांकि यह भी बताया कि क्यों बच्चों के स्कूल पहले खोले जाने चाहिए, उनके सुझाव के पीछे वैज्ञानिक आधार क्या है। डॉक्टर भार्गव ने बताया कि छोटे बच्चे वायरस को आसानी से हैंडल कर लेते हैं। उनके लंग्स में वह रिसेप्टर कम होते हैं जहां वायरस जाता है। सीरो सर्वे में देखा गया है कि 6 से 9 साल के बच्चों में लगभग उतनी ही एंटीबॉडी दिखी जितनी बड़ों में है। डॉ. भार्गव ने कहा कि यूरोप के कई देशों में प्राइमरी स्कूल बंद ही नहीं किए थे। कोरोना की किसी भी लहर में स्कूल बंद नहीं किए गए थे। लिहाजा पहले प्राइमरी स्कूल खोले जा सकते हैं। हालांकि, साथ में उन्होंने यह भी कहा कि टीचर से लेकर सभी सपोर्ट स्टाफ पूरी तरह वैक्सिनेटेड हों तभी स्कूल खोले जाने जाहिए।

एम्स डायरेक्टर गुलेरिया ने दिया था सुझाव

एम्स डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने भी पिछले महीने ही स्कूलों को खोलने की थी। उन्होंने कहा था कि बच्चों को कोरोना का खतरा ज्यादा नहीं होता है लिहाजा स्कूल खोले जा सकते हैं। एक दिन पहले भी उन्होंने कहा कि 5 प्रतिशत से कम संक्रमण दर वाले जिलों में स्कूलों को खोलने की योजना बनाई जा सकती है।

तीसरी लहर को लेकर एहतियात जरूरी 

हालांकि विशेषज्ञों की राय है कि कोरोना की तीसरी लहर आएगी, जरूर आएगी, कब आएगी इसे लेकर अभी कुछ भी निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता। हायर सीरो प्रिवलेंस एक शुभ संकेत जरूर है लेकिन जिस तरह वायरस के नए वेरिएंट ठीक हो चुके लोगों और वैक्सीन लगवा चुके लोगों को भी चपेट में ले रहे हैं, उसे देखते हुए काफी एहतियात और सोच-विचार के बाद ही स्कूलों को खोलने का फैसला होना चाहिए। यही वजह है कि राज्य प्राइमरी और जूनियर स्कूलों को खोलने से हिचक रहे हैं।

कई राज्यों में खुल चुके हैं स्कूल

महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में 15 जुलाई से 8वीं से 12वीं तक के स्कूल खोले जा चुके हैं

हरियाणा में 16 जुलाई से 9वीं से 12वीं तक के स्कूल खुल चुके हैं, 23 जुलाई से छठी से आठवीं तक के स्कूलों को भी खोलने की तैयारी है

गुजरात में 15 जुलाई से 12वीं के छात्रों के लिए स्कूल खुल चुके हैं

बिहार में 12 जुलाई से 11वीं और 12वीं के छात्रों के लिए स्कूल खोले गए

हिमाचल में 19 जुलाई से नौवीं से लेकर 12वीं तक के बच्चों के लिए स्कूल खोले जा चुके हैं

एमपी में 26 जुलाई से 11वीं से 12वीं तक के बच्चों के लिए स्कूल खुलेंगे

आंध्र प्रदेश में 16 अगस्त से पहली कक्षा से लेकर 12वीं तक के स्कूल खोले जाएंगे

तेलंगाना में भी 16 अगस्त से चरणबद्ध तरीके से खुलने जा रहे स्कूल, सबसे पहले आठवीं से ऊपर के बच्चों के लिए खुलेंगे स्कूल

ओडिशा में 26 जुलाई से 10वीं से लेकर 12वीं तक के स्टूडेंट्स के लिए स्कूल खुल जाएंगे

अभी असमंजस में कई प्रदेश 

कई प्रदेशों में स्कूलों को खोलने पर कोई फैसला नहीं लिया जा सका है। इन राज्यों में दिल्ली, यूपी, उत्तराखंड, झारखंड, असम, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ जैसे राज्य शामिल हैं। यूपी में 1 जुलाई से स्कूल सिर्फ टीचर्स और स्टाफ के लिए ही खोले गए हैं

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