Pages

सिडबी : तमिलनाडु सरकार को सिडबी क्लस्टर डेवलपमेंट फंड के तहत प्रदान की पहली मंजूरी

लखनऊ। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के प्रचार, वित्तपोषण और विकास में संलग्न प्रमुख वित्तीय संस्थान, भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) ने आज तमिलनाडु विधानसभा में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में तमिलनाडु सरकार को सिडबी क्लस्टर डेवलपमेंट फंड (एससीडीएफ) के तहत पहली मंजूरी प्रदान की है। 

सैद्धांतिक अनुमोदन पत्र सिवसुब्रमणियन रमण (आईए एंड एएस, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, सिडबी) द्वारा एम.के. स्टालिन (तमिलनाडु के मुख्यमंत्री), डॉ. पलानीवेल थियागा राजन (वित्तमंत्री), थंगम थेन्नारासु, (उद्योग मंत्री), टी.एम. अनबरासन, ग्रामीण उद्योग मंत्री, वी. इराई अंबू, आईएएस, मुख्य सचिव, एस. कृष्णन, आईएएस, वित्त सचिव, एन. मुरुगनंदम, आईएएस, प्रमुख सचिव - उद्योग, वी. अरुण रॉय, आईएएस, एमएसएमई सचिव की गरिमामयी उपस्थिति में सौंपा गया। इस अवसर पर चित्रा के.आलै (मुख्य महाप्रबंधक, सिडबी), डॉ. आर.के. सिंह (मुख्य महाप्रबंधक, सिडबी) और रवींद्रन ए. लक्ष्मणन (महाप्रबंधक और क्षेत्रीय प्रमुख, सिडबी, चेन्नई) की भी उपस्थिति रही।

सिडबी द्वारा एससीडीएफ के अंतर्गत राज्य सरकार को मौजूदा विभिन्न क्लस्टर के उन्नयन और तमिलनाडु राज्य में नई औद्योगिक मूलभूत ढांचे से संबंधित सुविधाओं के विकास के लिए परियोजना-विशेष पर केंद्रित नम्य /लचीली लागत की ऋण सहायता प्रदान की जाएगी। 

सिडबी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक सिवसुब्रमणियन रमण, आईए एंड एएस ने कहा, "उन क्षेत्रों / उप-क्षेत्रों में क्लस्टर पर जोर दिया जाएगा जो राज्य में एमएसएमई को सीधे लाभ पहुंचा सकते हैं और उन्हें 'नेक्स्ट' के स्तर पर ला सकते हैं, जिससे वे जीवंत रूप में उभरें, मूल्य श्रृंखला पर उच्च स्थिति प्राप्त करें और आत्मसमर्थित बनें। सिडबी द्वारा इन समर्थित क्लस्टरों में चैनलाइज़ किए जा रहे अनुकूलित प्रत्यक्ष ऋण उत्पाद इसमें संपूरक होंगे, जो अन्य संस्थानों द्वारा अपनाए और दोहराए जाने के लिए एक दृष्टांत बनेगा। जरूरत के आधार पर सिडबी प्रौद्योगिकी, कौशलीकरण/कौशल-उन्नयन, ऊर्जा दक्षता, बाजार और क्रेडिट कनेक्ट से संबंधित चुनिंदा समूहों में सॉफ्ट इंफ्रास्ट्रक्चर मुद्दों का समर्थन करने की अपेक्षा की जांच भी करेगा। अंबत्तूर चमड़ा क्लस्टर में एक प्रायोगिक परियोजना का शुभारंभ किया गया है।


यूके सिन्हा की अध्यक्षता में एमएसएमई पर विशेषज्ञ समिति ने एमएसएमई विकास और प्रोत्साहन के लिए राज्य सरकारों के साथ सिडबी के अधिक संकेंद्रित जुड़ाव की सिफारिश की है। जिसमें उद्योग क्लस्टरों में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए राज्य सरकारों को कम लागत पर ऋण उपलब्ध कराने के लिए प्राथमिकता क्षेत्र की कमी (पीएसएस) फंड का उपयोग शामिल है। सिडबी ने 11 राज्यों असम, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और तमिलनाडु में परियोजना प्रबंधन इकाइयों (पीएमयू) की स्थापना की है। इन परियोजना प्रबंधन इकाइयों ने सिडबी और राज्य सरकारों के साथ समन्वय में न्वोन्मेषी वाउचर कार्यक्रम योजना, न्यू उद्यमी सह उद्यम विकास योजना, पीएमयू राज्यों में उद्यमिता के लिए प्रवासी मजदूरों के विकल्पों की तेजी से प्रोफाइलिंग आदि पर नीतिगत/ योजनापरक सुझाव दिए हैं। 


एससीडीएफ की स्थापना भारतीय रिजर्व बैंक के सहयोग से उद्योग क्लस्टरों में अखिल भारतीय स्तर पर जमीनी बुनियादी सुविधाओं की सहायता के लिए की गई है। कृषि के अलावा अन्य क्षेत्रों में एमएसएमई के बुनियादी ढांचे की स्थापना, उन्नयन और नवीनीकरण का समर्थन करने के लिए इस निधि की परिकल्पना की गई है। इन प्रमुख क्षेत्रों में एमएसएमई इको-स्पेस में औद्योगिक और कृषि-संबद्ध क्षेत्र, एमएसएमई क्लस्टरों में और उनके आसपास के सामाजिक क्षेत्र की परियोजनाएं और एमएसएमई क्लस्टरों के बीच संपर्क-मार्ग शामिल हैं।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ