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लक्ष्मण ने काटी सूर्पनखा की नाक, हुआ सीता हरण

लखनऊ। चित्रकूट से जब भगवान राम पंचवटी पहुंचते हैं तो वहां रावण की बहन सूर्पनखा सुन्दरी का रुप धारण कर भगवान राम से शादी का प्रस्ताव रखती है। सुंदर नृत्य एवं भाव भंगिमाओं से सूर्पनखा श्रीराम को आकर्षित करने का प्रयास करती है। लेकिन श्रीराम खुद के विवाहित होने की बात कहकर उसे लक्ष्मण के पास भेज देते हैं।

लक्ष्मण के पास पहुंचकर सुन्दरी कहती है ''मेरा रुप देखकर चन्द्रमा शरमा गया और छिप गया, मैं क्या करुं हे राजकुंवर मेरा दिल तुमपर आ गया...।'' लक्ष्मण सूर्पनखा से कहते हैं कि वह उसके जाल में फंसने वाले नहीं हैं। बार-बार इधर-उधर भेजने पर सूर्पनखा क्रोधित हो जाती है और अपना असली रुप धारण कर सीता की ओर झपटती हैं तो लक्ष्मण उसके नाक काट लेते हैं।

सेक्टर-'ए' सीतापुर रोड योजना कालोनी में चल रहे रामलीला के 29वें मंचन के तीसरे दिन बुधवार को भगवान शंकर की आरती से मंचन का शुभारंभ हुआ। आरती में समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव दीपक रंजन के अलावा अनूप सक्सेना, श्रीमती कमलेश दुबे, मनोज दुबे, अतुल मिश्रा, बसपा नेता सरवर मलिक, समिति के अध्यक्ष सुरेश तिवारी, महामंत्री जितेंद्र मिश्रा, शान्ति स्वरूप शुक्ला सहित कई गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।

जिसके पश्चात् पंचवटी दृश्य, खरदूषण वध, सीताहरण, जटायु मरण, श्रीराम हनुमान भेंट, सुग्रीव मित्रता, बालि वध के दृश्य का मंचन हुआ। पंचवटी दृश्य का मंचन देख दर्शक भावविभोर हो गये और करतल ध्वनि से कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। साधु का वेश धारण कर रावण पंचवटी में कुटिया के पास पहुंचता है और जैसे ही माता सीता भिक्षा देने के लिये लक्ष्मण रेखा पार करती है रावण उनका हरण कर लेता है।

इस मौके पर जहां बच्चियों ने मनमोहक नृत्य से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं रावण के महामंत्री का किरदार निभा रहे मान सिंह बीच-बीच में अपनी कॉमेडी से सभी को गुदगुदाते रहे। देर रात तक चले रामलीला के मंचन में दर्शकों की काफी भीड़ रही और वह करतल ध्वनि से कलाकारों का उत्साहवर्धन करते रहे।

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