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कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ, अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती ने दी प्रतिक्रिया

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को यहां कृषि कानून पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि तीन कृषि कानूनों को प्रधानमंत्री जी द्वारा वापस लिए जाने का मैं उत्तरप्रदेश शासन की ओर से हॄदय से स्वागत करता हूँ। 


हम सब जानते हैं कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठन आंदोलन कर रहे थे,आज गुरुपर्व पर प्रधानमंत्री जी ने लोकतंत्र में संवाद की भाषा का इस्तेमाल करते हुए,तीनो कृषि कानून को वापस लेकर जो ऐतिहासिक कार्य किया है,मैं उसके लिए उनके इस कदम का स्वागत और अभिनन्दन करता हूँ, शुरू से ही इस सम्बंध में एक बड़ा समुदाय ऐसा था को इस बात को मानता था कि किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए इस तरह के कानून महत्वपूर्ण भूमिका तय कर सकते हैं,लेकिन उस सबके बावजूद कतिपय किसान संगठन इस के विरोध में आये तो सरकार ने हर स्तर पर संवाद बनाने का प्रयास किया,ये हो सकता है कि हम लोगो की तरफ से कोई कमी रह गई होगी हम उन लोगो को समझाने में कहीं न कहीं विफल रहे,जिसके बाद उन्हें आंदोलन के रास्ते आगे बढ़ना पड़ा था,लेकिन लोकतंत्र के इस भाव का सम्मान करते हुए,तीनो कृषि कानूनों को वापस लेने, और एमएसपी को भी लेकर एक समिति के गठन करने का हम प्रदेश सरकार की ओर से स्वागत करते हैं, साथ ही गुरुपर्व की की शुभकामनाएं देते है...

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार की ओर से कृषि कानूनों की वापसी को किसानों की जीत बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से माफी मांगे जाने को लेकर तंज कसते हुए कहा कि जनता माफ नहीं करेगी। जनता चुनाव में साफ करेगी। 
इस फैसले को चुनाव को देखते हुए लिया गया फैसला बताया और कहा कि जिस तरह से जनता सड़कों पर आ गई, हो सकता है उसकी वजह से घबराकर सरकार को ये फैसला वापस लेना पड़ा हो। उन्होंने ये सवाल भी उठाया कि चुनाव के बाद भविष्य में इस तरह के कानून नहीं लाए जाएंगे, इसका आश्वासन कौन देगा। 

अखिलेश यादव ने किसानों को बधाई दी और साथ ही ये भी कहा कि जनता को सतर्क रहना होगा। बिना इनको हटाए किसानों के हित में फैसले नहीं होंगे इनका दिल साफ नहीं है। चुनाव बाद ये फिर से बिल लाएंगे। उन्होंने बीजेपी पर वोट के लिए सबकुछ करने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार की नजर किसानों के हित पर नहीं, वोट पर है। कहा कि इस आंदोलन के दौरान जिन किसानों की जान गई है, क्या बीजेपी उनकी जान वापस ला सकती है। क्या किसानों पर अत्याचार के लिए ये सरकार माफी मांगेगी?
सरकार को इस्तीफा देना चाहिए

उन्होंने लखीमपुर खीरी की घटना का जिक्र किया और ये सवाल किया कि जिस मंत्री पर आरोप है, उसे मंत्रिमंडल से कब निकाला जाएगा। पूरे मंत्रिमंडल को इस्तीफा देना चाहिए, सरकार को इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने इसके लिए किसानों को श्रेय दिया और साथ ही ये मांग भी कर दी कि सरकार को उन किसानों की मदद करनी चाहिए, जिनकी इस आंदोलन के दौरान जान गई है. कहां हैं वो नेता जो चैनलों पर बैठकर कानून ऐसा है, वैसा है कहते थे। 



गैर जरूरी विवाद से देश को व राज्यों को बचाना चाहिए : मायावती 

कृषि कानूनों की वापसी पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि किसानों का बलिदान आखिरकार रंग लाया है। उन्होंने कहा कि सर्दी, गर्मी में बरसात की मार झेलते हुए आंदोलन पर डटे किसानों की यह जीत हुई है। मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार ने उन विवादित कानूनों को अति देर से वापस लेने की घोषणा की जबकि यही फैसला बहुत पहले ले लेना चाहिए था। केंद्र सरकार यदि ये फैसला काफी पहले ले लेती तो देश अनेकों प्रकार के झगड़ों,झंझट आदि से बच जाता। लेकिन अभी भी किसानों को उनकी उपज का समर्थन मूल्य देने संबंधी राष्ट्रीय कानून बनाने की खास मांग भी इनकी अधूरी पड़ी है। जिसके लिए बीएसपी की मांग है कि केंद्र सरकार आने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में इस संबंध में कानून बनाकर किसानों की इस मांग को भी जरूर स्वीकार करें। इतना ही नहीं बल्कि बीएसपी की शुरू से यह मांग रही है कि खासकर खेती किसानी व किसानों के मामले में कोई भी नया कानून बनाने से पहले उनसे सलाह व परामर्श आदि जरूर करना चाहिए ताकि किसी भी गैर जरूरी विवाद से देश को व राज्यों को बचाया जा सके।

किसानों ने उनके संघर्ष के जरिए इस जीत को हासिल किया 

उन्होंने कहा कि एक बार फिर से देश के किसानों को उनके संघर्ष के जरिए इस जीत को हासिल करने के लिए उन्हें में तहे दिल से हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देती लेकिन आज मैं खासतौर से केंद्र की सरकार से यह भी कहना चाहूंगी कि किसानों के इस आंदोलन के दौरान जो किसान शहीद हो गए हैं उनके परिवार को उचित आर्थिक मदद दे व उनके परिवार में से किसी सदस्य को सरकारी नौकरी दे यह भी हमारी पार्टी की केंद्र सरकार से मांग है।  जब उन्होंने तीन कृषि कानून वापस ले लिए तो तो हमारी पार्टी की इस मांग को भी स्वीकार कर लेना चाहिए साथ ही आज कार्तिक पूर्णिमा पर्व व गुरु नानक देव की जयंती की सभी देशवासियों को मैं बधाई एवं शुभकामनाएं देती हूं धन्यवाद।

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