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भारत महोत्सव में उमड़ी भीड़, प्रिया पाल के गीतों ने बांधा समां

लखनऊ। कांशीराम स्मृति उपवन आशियाना में चल रहे भारत महोत्सव 2021 की पांचवी सांस्कृतिक संध्या में प्रिया पाल के अवधी भोजपुरी गीतों ने समां बांधा। कार्यक्रम का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि मौजूद चीफ़ पोस्ट मास्टर जनरल कौशलेन्द्र सिन्हा ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। समारोह में प्रगति पर्यावरण संरक्षण ट्रस्ट के अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह और उपाध्यक्ष नरेंद्र बहादुर सिंह ने उन्हें पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंटकर भारत हस्तशिल्प गौरव सम्मान से सम्मानित किया। इस अवसर पर पवन कुमार पाल सहित कई गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। पांचवी सांस्कृतिक सन्ध्या का शुभारम्भ प्रिया पाल ने देवी गीत निमिया के डार मईया डारेला झूलनवा से किया।

जिसके बाद प्रिया पाल ने अपनी खनकती हुई आवाज में अवधी लोकगीत राम लखन दोनो भईया अवध रहवैया उनके संग आये और छोड़ो दुपट्टा घनश्याम सबेरे दहिया दे जाऊंगी गीत को सुनकर श्रोताओं का मन मोहा। प्रिया पाल ने आज मिथिला नगरिया निहाल सखियां, कोठे उपर कोठरी मै उस पर रेल चलाय दूंगी और सैया मिले लरकइयां सहित अन्य भोजपुरी गीतों को सुनाकर श्रोताओं को देर रात तक अपने साथ खूब झुमाया। 
इस अवसर शालिनी श्रीवास्तव के निर्देशन में मिस्टर- मिस एवं मिसेज प्रतियोगिता भी हुई। जिसमे प्रतिभागियो ने अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। कार्यक्रम का संचालन सम्पूर्ण शुक्ला और अरविन्द सक्सेना ने किया।

महोत्सव में उमड़ी भीड़, जमकर की खरीदारी उठाया लजीज़ व्यंजनों लुत्फ उठाया

वीकएंड के कारण भारत महोत्सव में सुबह से ही लोगो का तांता लगा रहा, जो शाम होते होते एक हुजूम में बदल गया। शाम का मौसम सुहाना हो गया और इस सुहाने मौसम का लोगोें ने भारत महोत्सव में घूमकर खुब लुत्फ उठाया।

लोगों ने सहारनपुर के फर्नीचर, भदोही के कालीन, स्वयं सहायता समूहों के घरेलू उत्पाद जैसे पापड़, अचार, मसाले, कश्मीरी ड्राई फ्रूट्स, हस्तनिर्मित बटुए, चादर, सलवार सूट और साड़ी की खरीदारी की, तो वहीं राजस्थानी, गुजराती और अवधी व्यंजनों का लुत्फ भी लिया।

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