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किताबी ज्ञान से तजुर्बा ज्यादा बेहतर : अनुपम खेर

वीओसी डेस्क। वर्तमान समय में, एक व्यक्ति को उसकी पढ़ाई, काम करने के सलीके, ओहदे और समाज में मिले सम्मान से आँका जाता है। व्यक्ति के व्यक्तित्व की पहचान को हम एक अलग ही नज़रिए से देखने को मजबूर हो चले हैं। लेकिन वर्तमान परिदृश्य से परे, दिग्गज अभिनेता और मोटिवेशनल स्पीकर अनुपम खेर ने इस नज़रिए को उड़ने के लिए नए पंख दिए हैं।


एक अलग दृष्टिकोण को करीने से सामने लाते हुए अनुपम खेर ने देश के पहले बहुभाषी माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कू ऐप पर एक पोस्ट साझा की है, जो अपने में बहुत गहरी बात लिए हुए है। कू पर की गई इस पोस्ट के माध्यम से वे कहते हैं:

"कभी-कभी भावनाओं को समझने वाला एक अनपढ़ व्यक्ति, दुनिया का सबसे पढ़ा-लिखा व्यक्ति होता है।"

खेर की इस सोच पर सोशल मीडिया मंच कू ऐप पर मौजूद यूज़र्स ने इस पर अपनी सकारात्मक प्रतिक्रिया और जबर्दस्त सहमति व्यक्त की है। जानिए यूजर्स ने वरिष्ठ अभिनेता की इस कू पोस्ट पर क्या प्रतिक्रिया दींः

एक यूज़र ने अनुपम खेर की इस पोस्ट पर कमेंट करते हुए कहा है कि सहमत हूँ आप की बात से… अनुभव से विद्वता का कोई मुकाबला नहीं है। 

वहीं, एक अन्य यूज़र ने सोशल मीडिया मंच कू ऐप पर अलग अंदाज़ में अपना मत रखा है: भावनाओं को समझने के लिए साहिब पढ़ाई की जरूरत नहीं होती नजरिए की जरूरत होती है


https://www.kooapp.com/koo/ऋषिपाल_भाटी/b655d91e-b8a8-4363-a5d9-967e22164acf


अनुभव को सर्वश्रेष्ठ बताने वाले एक यूज़र कहते हैं: किताबी ज्ञान से अनुभवी ज्ञान श्रेष्ठ होता है।

इस यूज़र ने आगे कहा कि बहुत प्रेरणादायक बात कही आपने @anupampkher जी.. जरूरी नहीं की सिर्फ किताबों को ही पढ़कर इंसान पढ़ा-लिखा हो सकता है..





वहीं, एक अन्य यूज़र ने दिल छू लेने वाली बात कही है: केवल नाम से किसी के गुणों का पता कहाँ चलता है! उदाहरण के लिए 'जल' को ही देख लो कहाँ जलता है!!




एक अन्य यूज़र कू करते हुए कहते हैं कि एकदम सही है ऐसी सोच और समझदारी दुनिया का सबसे अच्छा बयोहर होता है




व्यक्ति की असली पहचान कभी-भी पढ़ाई से नहीं होती, उसके विचार उसे महान बनाते हैं। यह माना कि किताब से ज्ञान मिलता है, लेकिन ज्ञान कभी-भी किताब का मोहताज नहीं होता। कई बार कम पढ़ा-लिखा या अनपढ़ इंसान जीवन की सबसे बड़ी सीख दे जाता है, जिसे तमाम डिग्रियों से परिपूर्ण व्यक्ति भी सोचने पर मजबूर हो जाता है। यह भी तो सच ही है, एक अच्छा वक्ता आपके मन में छिपे विचारों को बाहर लाने की ताकत अपने में रखता है।

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