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ग्लोबल समिट से आयुष सेक्टर में मिलेंगे 5.50 लाख रोजगार के अवसर

नई दिल्ली। गुजरात के गांधीनगर में 20 अप्रैल से 22 अप्रैल तक के तीन दिवसीय ग्लोबल समिट में नौ हजार करोड़ से अधिक आशय प्रस्तुत किए गए, जिससे यह पता चलता है कि विश्व में आयुष उत्पाद, पारंपरिक चिकित्सा पद्धति के प्रति लोगों का विश्वास किस कदर बढ़ता जा रहा है। आने वाले समय में ग्लोबल समिट आयुष और पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को विश्व में रफ्तार देने में अहम भूमिका निभाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नियमित रूप से ग्लोबल समिट करने पर जोर दिया है ताकि अत्याधुनिक चिकित्सा विज्ञान की तरह पारंपरिक चिकित्सा पद्धति में भी रोजाना नये नवाचार के साथ विश्व स्तर पर निवेश बढ़े। 

समिट से आयुष सेक्टर में 5.50 लाख से अधिक रोजगार सृजित होंगे जबकि 4.5 हजार मीट्रिक टन आयुष उत्पाद से किसानों की आय बढ़ेगी। 

ग्लोबल समिट में 70 से अधिक समझौता हस्ताक्षर हुए
तीन दिवसीय ग्लोबल समिट में एफएमसीजी, मेडिकल वैल्यू ट्रैवल, फार्मा, प्रौद्योगिकी, निदान, किसान और आयुष कृषि उत्पाद पर फोकस किया गया। इसमें नौ हजार करोड़ से अधिक के एलओआईएस को अंतिम रूप देकर इतिहास रचा गया। आयुष सचिव पद्मश्री वैद्य राजेश कोटेचा ने बताया कि समिट में कुल 70 से अधिक समझौते हस्ताक्षर हुए, जिसमें से पांच महत्वपूर्ण समझौता हस्ताक्षर ज्ञापन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में हुए। उन्होंने बताया कि इसमें एफएमसीजी से 700 करोड़, मेडिकल वैल्यू ट्रैवल से लगभग 1000 करोड़, किसान और कृषि क्षेत्र के लिए 300 करोड़ और प्रौद्योगिकी तथा नैदानिक श्रेणी में लगभग 60 करोड़ के निवेश पत्र शामिल हैं। 

5.50 लाख रोजगार के अवसर मिलेंगे
आयुष सचिव ने बताया कि ग्लोबल समिट के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में जो हस्ताक्षर ज्ञापन हुए, उसमें से जीएआईआईएस में 30 से अधिक फार्मा कंपनियों ने भाग लिया। इससे आयुष सेक्टर के क्षेत्र में लगभग देश में करीब 5.50 लाख से अधिक नये रोजगार के अवसर मिलने की उम्मीद जागी है। इसका करीब 76 लाख से अधिक लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। वहीं किसान समूहाें और उद्योग के बीच 50 से अधिक एमओयू साइन किये गये, जिसमें 6300 से अधिक किसान शामिल होंगे। इससे आयुष क्षेत्र में उत्पादन 4.5 हजार मीट्रिक टन आयुष से संबंधित उत्पाद होने की उम्मीद है। इसके साथ ही विश्व स्तर पर आयुर्वेद अकादमिक की स्थापना के लिए राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ और फंडैसिओन डे सालुडो आयुर्वेद प्रेमा अर्जेंटीना के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये, जो विभिन्न आयुर्वेद पाठ्यक्रमों में मान्यता और पाठ्यक्रम विकास में लगातार सुधार के लिए उपयोग किए जाने वाले ऑडिट प्रमाणन निकाय बनाने में मदद करेगा। इसके साथ ही सरकार देश में आयुष उत्पादों के प्रचार, अनुसंधान और निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए आयुष पार्कों का एक नेटवर्क विकसित करेगी।

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