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बिजली इंजीनियरों ने किया आंदोलन का ऐलान

लखनऊ। केंद्र सरकार द्वारा इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2022, 08 अगस्त को लोकसभा में रखे जाने के विरोध में NCCOEEE और All India Federation of Power Diploma Engineers के निर्देशन में प्रदेश भर के जूनियर इंजीनियर एवं प्रोन्नत अभियंता विरोध प्रदर्शन करेंगे। रविवार को राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन उत्तर प्रदेश के केंद्रीय कार्यकारिणी समिति की ऑनलाइन माध्यम से हुई बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया। संगठन का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा विद्युत अधिनियम संशोधन विधेयक 2022 निश्चित रूप से ऊर्जा क्षेत्र में निजीकरण को बढ़ावा देने वाला, कर्मचारी एवं अवर अभियंता संवर्ग के हितों को प्रभावित करने वाला, उपभोक्ताओं और किसानों को महंगी बिजली प्रदान करने वाला है, संगठन इसका पुरजोर विरोध करता है। 

संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष इं. जीवी पटेल एवं केंद्रीय महासचिव इं. जय प्रकाश ने संयुक्त रुप से कहाकि इस विधेयक को जल्दबाजी में संसद में न पारित कराया जाए। बिजली उपभोक्ताओं और बिजली कर्मचारियों सहित सभी स्टेकहोल्डर्स से विस्तृत चर्चा करने हेतु इस बिल को संसद की बिजली मामलों की स्टैंडिंग कमेटी को संदर्भित कर दिया जाए। उन्होंने बताया कि बिजली संविधान की समवर्ती सूची में है जिसका अर्थ यह होता है कि बिजली के मामले में क़ानून बनाने में केंद्र और राज्य का बराबर का अधिकार है। किन्तु इस बिल पर केंद्र सरकार ने किसी भी राज्य से कमेन्ट नहीं मांगे है और इसे 08 अगस्त को लोकसभा में रखकर पारित कराने की कोशिश है, जो संसदीय परम्परा का खुला उल्लंघन है और देश के संघीय ढाँचे पर चोट है।

राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन, उप्र के केंद्रीय प्रचार सचिव अरविंद कुमार झा ने बताया कि All India Federation of Power Diploma Engineers द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार 08 अगस्त को सभी ऊर्जा निगमों के तमाम अवर अभियंता व प्रोन्नत अभियन्ता कार्य छोड़कर कार्य स्थल से बाहर आ जायेंगे और विरोध प्रदर्शन करेंगे। इसके अतिरिक्त 10 अगस्त को लखनऊ सहित सभी जनपदों व परियोजना मुख्यालयों पर अपराह्न 04 बजे से 06 बजे तक विरोध प्रदर्शन किये जायेंगे।

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