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प्राकृतिक नजारें का अभिन्न अंग है ओजोन परत - प्रो. अनुराधा तिवारी

लखनऊ। विश्व ओजोन परत संरक्षण दिवस के अवसर पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय अलीगंज में पर्यावरण समिति, राष्ट्रीय सेवा योजना, एनसीसी रेंजर्स के संयुक्त तत्वावधान में "ओजोन परत संरक्षण की महत्ता" विषय पर व्याख्यान का आयोजन आनलाइन गूगल के माध्यम से किया गया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ. उषा मिश्रा ने महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. अनुराधा तिवारी एवं मुख्य वक्ता डॉ. राघवेंद्र प्रताप नारायण (वनस्पति विज्ञान विभाग एवं पर्यावरण समिति प्रभारी) एवं विशिष्ट वक्ता अरविंद (मनोविज्ञान विज्ञान विभाग एवं एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी) का वाचिक स्वागत अभिनंदन किया। मुख्य वक्ता डॉ. राघवेन्द्र प्रताप नारायण ने बताया कि जमीन से लगभग 15 से 30 किलोमीटर की ऊंचाई पर वायुमंडल में पाई जाने वाली ओजोन परत पृथ्वी के सभी प्राणियों को हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जिसके कारण हम सभी प्राणियों का जीवन सुरक्षित हुआ करता है। किंतु आधुनिक समय में मनुष्य के क्रियाकलाप एवं उनकी जीवनशैली से वायुमंडल में कुछ खतरनाक गैसों को बढ़ावा मिल रहा हैं जो कि ओजोन परत के लिए हानिकारक है। जिसमें क्लोरोफ्लोरोकार्बन गैस सर्वप्रथम आती है। ओजोन के परत के पतलें हो जानें के कारण सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणें सीधे जब मानव के शरीर सम्पर्क में आती है तो चर्म कैंसर को बढावा मिल रहा है औंर जानवरों के प्रजजन शाक्ति पर भी प्रभाव पड़ रहा है। इसके अतिरिक्त उन्होंने ओजोन परत से सम्बन्धित विभिन्न जानकारियां छात्राओं और शिक्षकों को दी।

विशिष्ठ वक्ता अरविंद ने सौन्दर्य प्रसाधनों को भी ओजोन परत के लियें नुकसानदायक बताया। लेफ्टिनेंट प्रतिमा शर्मा (एनसीसी प्रभारी) ने प्रश्नोत्तर सत्र चलाया, जिसमें छात्राओं ने उत्साह के साथ प्रतिभाग करते हुयें वक्ताओं से प्रश्न पूछें। साथ ही डॉ. मीनाक्षी शुक्ला, डॉ. रशिम बिश्नोई, डा. सपना जायसवाल, डा. विवेक तिवारी एवं डॉ. राजीव यादव ने भी वक्ताओं से खूब प्रश्न पूछें जिसका उत्तर डॉ. राघवेन्द्र ने बहुत ही सरल और सहज भाषा में देकर सन्तुष्ट किया। सबसे ज्यादा चर्चा का विषय सौन्दर्य प्रसाधन बना कि यह कैसें ओजोन को नुकसान पहुंचाता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही प्राचार्या प्रो. अनुराधा तिवारी ने कहाकि ओजोन परत प्राकृतिक नजारें का एक अभिन्न अंग है। जिसका सुरक्षित रूप से होना हम सभी प्राणियों के लियें आवश्यक है। इसे सुरक्षित रखना हम सभी मानव का धर्म है। हमनें ही इसे नुकसान पहुंचाया तो इसको पूर्व अवस्था में लाना भी हमारा ही कर्त्तव्य है। अतिवृष्टि, अनावृष्टि, आँधी - तूफान अनेकानेक त्रासदियां ओजोन परत के कमजोर होनें का भी परिणाम है। उन्होंने ओजोन के प्रति जागरूक करते हुए कहा कि जो हमारें क्रिया - कलाप ओजोन को नुकसान पहुंचाएं उसे छोडना अथवा कम करना होगा। कार्यक्रम के इसी श्रृंखला में डॉ. रश्मि अग्रवाल (वाणिज्य विभाग एवं रेंजर्स प्रभारी) ने सभी को धन्यवाद देतें हुए आभार अभिव्यक्त किया। इस कार्यक्रम में लगभग 55 छात्रायें जुड़ी रही। महाविद्यालय से डॉ. संजय बरनवाल, डॉ. रश्मि बिश्नोई, डॉ. विवेक तिवारी, डॉ. सारिका सरकार, डॉ. राजीव यादव, डॉ. सविता सिंह, डॉ. सपना, डॉ. पारूल, डॉ. मीनाक्षी शुक्ला एवं सम्पूर्ण महाविद्यालय परिवार उपस्थित रहा।

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