Pages

देश को विश्व गुरू बनने का दम भरना काल्पनिक स्वप्न - पं. शेखर दीक्षित

लखनऊ। प्रेस क्लब में आयोजित राष्ट्रीय किसान मंच की प्रेस वार्ता में देश के पूर्व आईएएस अधिकारी भारत सरकार में सचिव रह चुके कमल टावरी (जिन्होंने हाल ही में सन्यास धारण किया और उनका नया नाम स्वामी कमलानंद गिरी जी महराज) के साथ टीम अन्ना हज़ारे की कार्यवाहक अध्यक्ष वरिष्ठ समाजसेवी कल्पना इनामदार, राष्ट्रीय किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित शेखर दीक्षित, भाग्योदय फ़ाउण्डेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राम महेश मिश्रा, राष्ट्रीय किसान मंच के राष्ट्रीय महासचिव ओ.पी. यादव, मंच के राष्ट्रीय संगठन मंत्री संजय द्विवेदी एवं मंच के अवध के सदस्यता प्रभारी सर्वेश पाल सम्मिलित हुए। सभी ने अपने विचार देश के किसान, मज़दूर और नौजवानों के लिए व्यक्त किए।

मुख्य रूप से कमल टावरी ने देश के गाँव की दशा सुधारने के लिए गाँव के आय के फ़ार्मूले को बढ़ाने के चिंतन पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहाकि अगर देश की संस्कृति और गाँव को सच में सरकार बचाना चाहती है तो उसे गाय और संत पर राजनीति छोड़कर ज़मीनी कार्य करना होगा। जिसमें अभी तक ठीक से कहा जाए तो काम शुरू भी नहीं हुआ है, सिर्फ़ विज्ञापनों में वादे दिखाई दे रहे हैं। 
अन्ना हज़ारे की प्रतिनिधि के रूप में कल्पना इनामदार ने कहाकि देश की जनता ने भ्रष्टाचार और असमानताओं के काले जाल में फँसकर अन्ना के आंदोलन से सहमत होकर भाजपा को अपना बहुमत दिया। परंतु आठ वर्ष बीत जाने के पश्चात देश की ग्रामीण व्यवस्था और भी लचर हो गयी। देश में भ्रष्टाचार का स्तर बढ़ा है, उद्योगपति गाँव की सम्पदा को लूट रहे हैं और पीएम मौन हैं। अन्ना द्वारा कई बार पत्र लिखने पर भी मोदी सरकार का ज़मीन पर अपनी योजनाओं को ना उतारने का फ़ार्मूला अब समझ से परे है। अगर जल्द ही मोदी सरकार ने चुनाव से पहले किए गए वादों को पूर्ण करने की तरफ़ कदम ना उठाया तो फिर से अन्ना टीम जनता को जागरूक करके भाजपा को सरकार से हटाने का काम करेगी।
राष्ट्रीय किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. शेखर दीक्षित ने कहाकि धर्म के नाम पर लोगों को लड़ा कर शायद वोट पाना तो आसन होगा पर उन्ही लोगों के लिए यथार्थ पर ज़मीन पर काम करना ये सरकार के बस की बात नहीं। आज देश का किसान और नौजवान हताश, दुखी और मायूस है दोनो को ही अपने भविष्य की कोई जानकारी नहीं है सरकार गाँव को सक्षम बनाने की बजाय पूँजीपतियों को बेचने का भाव रखती है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ