Pages

किचन में उगेगी हरी सब्जी, महिलाओं का दर्द दूर करेगा ये डिवाइस

लखनऊ (शम्भू शरण वर्मा)। उत्तर प्रदेश में निवेश का माहौल बनाने के लिए आयोजित तीन दिवसीय उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट में जहां देश विदेश के उद्यमी निवेश करने के लिये आगे आये हैं वहीं हुनरमंद युवा स्टार्टअप्स भी छाए हुए हैं। समिट में एकेटीयू इनोवेशन हब की ओर से लगाए गए प्रदर्शनी स्टॉल में मौजूद युवा स्टार्टअप के हुनर निवेशकों के साथ ही आम जनता को भी आकर्षित कर रहे हैं। समिट के दूसरे दिन शनिवार को केंद्रीय नितिन गडकरी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी वहां पहुंचे थे और उन्होंने भी उत्पादों की जानकारी लेने के साथ ही युवा स्टार्टअप्स के हुनर को सराहा था।
घर के किचेन में उगेगी हरी सब्जी

वैसे तो हरी साग सब्जी खेतों व बागीचों में उगाई जाती है लेकिन यदि आपको प्रदूषण और रासायनिक खादों से मुक्त हरी सब्जी घर के किचन में ही मिल जाए तो फिर क्या कहने। एकेटीयू के इन्नोवेशन हब में रजिस्टर्ड स्टार्टअप सृष्टि ने हाइड्रोपोनिक किचन गार्डन की शुरुआत की है। इस तकनीक के जरिए बिना मिट्टी के प्रयोग से कई तरह की सब्जियां घर के किचन में ही उगाई जा सकती हैं। पोषक तत्वों से युक्त पानी के गोल की मदद से इन सब्जियों को छोटे से जगह पर भी आसानी से लगाया जा सकता है। सृष्टि ने यह स्टार्टअप शुरू किया है जिसके तहत किचन में हाइड्रोपोनिक गार्डन लगाने की शुरुआत की है। ऑर्डर मिलने पर सृष्टि और उसकी टीम घर पर जाकर यह किचन गार्डन लगाती है और उसकी देखरेख भी समय-समय पर करती हैं। इन्वेस्टर समिट में लगाए गए प्रदर्शनी में इस स्टार्टअप को भी काफी तारीफ मिली।
 

अब पहने भांग के पौधों से बने कपड़े

भांग सिर्फ नशा के लिए ही नहीं होता है। बल्कि इसके पौधे से कपड़े दवाइयां और ईट भी बनाई जा रही है। जी हां यह सही है। एकेटीयू के इन्नोवेशन हब के स्टार्टअप आयुष सिंह ने भांग के पौधों से कई तरह के प्रोडक्ट बनाए हैं। पौधे के छाल से इको फ्रेंडली कपड़े का निर्माण किया है तो वही गूदे से इंडस्ट्रियल मटेरियल बनाया है। यही नहीं इसके पौधे से ईटों का भी निर्माण किया है। पत्तियों से आयुर्वेदिक दवाओं का निर्माण किया है जबकि बीज से तेल और प्रोटीन बनाया है जो कि स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी है। आयुष ने बताया कि कुछ दिनों पहले चीन से कुछ वैज्ञानिक भांग की जेनेटिक पर शोध करने के लिए आए थे। उनसे मेरी मुलाकात हो गई जब मैंने इस बारे में जाना तो पता चला कि भांग से कई तरह की चीजें बनाई जा सकती हैं। फिर काफी रिसर्च के बाद मैंने भांग से कपड़े प्रोटीन दवा आदि बनाना शुरू किया। आयुष ने बताया कि अमरोहा और संभल में इसका प्लांट लगाया है। भारत हेंप एग्रो प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी बनाकर इस प्रोडक्ट को बना रहे हैं।
मुश्किल दिनों में महिलाओं का दर्द दूर करेगा डिवाइस मातृ

माहवारी के दौरान अक्सर महिलाओं को असहनीय दर्द का सामना भी करना पड़ता है। दर्द से छुटकारा पाने के लिए महिलाएं कई तरह की दवाइयों का प्रयोग करती हैं। जो दर्द से तो उन्हें छुटकारा दिला देता है मगर दवा खाने से कई तरह के साइड इफेक्ट भी होते हैं। महिलाओं के इसी समस्या को दूर करने के लिए रॉनी मंडल और रोहन ने मिलकर एक डिवाइस बनाया है। जिसके यूज़ से महिलाएं 10 मिनट में ही दर्द से छुटकारा पा सकेंगी। इलेक्ट्रॉनिक पोर्टेबल वायरलेबल रिचार्जेबल डिवाइस को कैरी करने में भी कोई झंझट नहीं होगी। 4 × 4 सेंटीमीटर का यह छोटा सा डिवाइस महिलाएं कहीं भी यूज कर सकती हैं। इस डिवाइस का नाम मातृ रखा है। एक बार चार्ज करने पर यह काफी दिनों तक काम करता है। इस डिवाइस को बनाने वाले रानी मंडल ने बताया कि महिलाओं की समस्याओं को देखते हुए इसे बनाने का आईडिया आया। उन्होंने बताया कि गवर्नमेंट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस नोएडा में इसका क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है। वही आईआईटी पटना ने इस प्रोडक्ट की सीड फंडिंग भी की है। इन्वेस्टर्स समिट में एकेटीयू के इन्नोवेशन हब की ओर से प्रदर्शनी में लगाए गए इस प्रोडक्ट को काफी सराहना मिली। जल्द ही यह डिवाइस बाजार में उपलब्ध होगा।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ