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अपोलोमेडिक्स : 30 वर्षीय महिला की हुई लैप्रोस्कोपी के जरिए गर्भाशय पुनर्निर्माण सर्जरी

लखनऊ। तमाम जटिल सर्जरी के लिए मशहूर अपोलोमेडिक्स लखनऊ ने एक और बड़ी कामयाबी हासिल की है।अपोलोमेडिक्स अस्पताल की प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ और एडवांस्ड गाइनी एंडोस्कोपिक (लैप्रोस्कोपी और हिस्टेरोस्कोपी) सर्जन डॉ. नेहा नेगी द्वारा सर्जरी की लेप्रोस्कोपिक और हिस्टेरोस्कोपिक तकनीकों के संयोजन के माध्यम से हाल ही में एक जटिल सर्जरी की गई। सर्जरी के बारे में बात करते हुए डॉ. नेहा नेगी ने मीडिया को बताया, “एक 30 वर्षीय महिला एक साल से मासिक धर्म के बाद की दिक्कतों से पीड़ित थी। उसे पीरियड्स के दौरान भारी रक्तस्राव और गंभीर दर्द होता था। इसे डिसमेनोरिया कहा जाता है। ये परेशानी उसे खास तौर से दूसरे सीजेरियन सेक्शन ऑपरेशन के बाद से हो रही थीं।

अपोलोमेडिक्स में आने से पहले उन्होंने कई डॉक्टरों से सलाह ली लेकिन उनकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ और विशेषज्ञों ने उन्हें ओपन एब्डोमिनल सर्जरी तक की भी सलाह दे डाली थी। यहां मरीज का विस्तृत अल्ट्रासाउंड किया गया। परीक्षणों से पता चला कि एलएससीएस स्कार की क्षेत्र में पर एक चोट जैसे ऊतक दिखाई दे रहे हैं। एंडोमेट्रियम के उभार के साथ इस्तमोसल की माप 2.9x3.5x2.8 सेमी पाई गई। साथ ही इसके भीतर ताजा रक्त और थक्के भी नजर आए। सावधानीपूर्वक विश्लेषण के बाद, मरीज और उसके पति को हालात के बारे में विस्तार से बताया गया।
डॉक्टर के मुताबिक इसके बाद लैप्रोस्कोपी और हिस्टेरोस्कोपी तकनीक के जरिए पूरी जटिल सर्जरी को करने का फैसला किया गया। ये सर्जरी गर्भाशय के पुनर्निर्माण और इस्तमोसल सैक के उच्छेदन के साथ सिजेरियन निशान दोष का इलाज करने के लिए एक न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी है। इस सर्जरी के द्वारा जन्म के साथ पाए जाने वाले अंदरूनी निशानों को मजबूती मिलती है और रोगी की प्रजनन क्षमता को बरकरार रखने में भी सफलता मिलती है। यह एक बहुत ही दुर्लभ जटिल सर्जरी रही जिसे इस क्षेत्र में पहली बार किया अंजाम दिया गया था। नेहा नेगी ने ये भी कहा कि पूरी सर्जरी लेप्रोस्कोपिक तरीके से बिना किसी बड़े चीरे के की गई और मरीज की हालत अब स्थिर है। उसका फॉलोअप किया जा रहा है।
अपनी पूरी टीम को बधाई देते हुए अपोलोमेडिक्स अस्पताल के एमडी और सीईओ डॉ. मयंक सोमानी ने कहा, "अपोलोमेडिक्स लखनऊ के डॉक्टर नियमित रूप से जटिल सर्जरी कर रहे हैं और हमें खुशी है कि हम एक के बाद नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। भारत और दुनिया के प्रीमियम चिकित्सा संस्थानों से प्रशिक्षित डॉक्टरों के साथ, हम इस मामले की तरह इन चिकित्सा चमत्कारों को करने में सक्षम हैं।

उन्होंने ये भी कहा कि जैसा कि डॉ. नेहा ने बताया, सीजेरियन सेक्शन के मामलों की बढ़ती संख्या ने संबंधित जटिलताओं जैसे प्लेसेंटा एक्रीटा (गंभीर गर्भावस्था की स्थिति जो तब होती है जब प्लेसेंटा गर्भाशय की दीवार में बहुत गहराई से बढ़ती है), सीजेरियन निशान एक्टोपिक गर्भावस्था (सीजेरियन में भ्रूण का असामान्य आरोपण से जुड़े निशान दोष) में वृद्धि हुई है इसकी वजह से ही दोषपूर्ण ऊतक उपचार से जुड़े मामले बढ़ते जा रहे हैं। आगे उन्होंने ये भी कहा कि इस अस्पताल में कुशल डॉक्टरों की टीम और अति-आधुनिक बुनियादी ढांचे द्वारा समर्थित सटीक निदान के साथ, हम किसी भी चिकित्सा आपात स्थिति से सफलतापूर्वक निपटने में सक्षम हैं।

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