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राममय नजर आ रहे पुस्तकों के संसार में उमड़ी भीड़, समापन 26 मार्च को

रवीन्द्रालय चारबाग में लखनऊ बुक फेयर : नवां दिन

स्वर्ग की यातना पुस्तक का विमोचन संग हुये विविध कार्यक्रम 
लखनऊ। विदा होने के करीब पहुंच चुके रवीन्द्रालय चारबाग में चल रहे लखनऊ पुस्तक मेले में पुस्तक प्रेमियों द्वारा खरीदारी और विविध कार्यक्रमों का सिलसिला जारी है। शनिवार को यहां कश्मीर पर पुस्तक का विमोचन हुआ तो काव्य समारोह के साथ विद्वानों का सम्मान भी किया गया। यह मेला 26 मार्च को अगले वर्ष के लिए विदा हो जायेगा। शाम पौने पांच बजे औपचारिक समापन समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा प्रतिभागियों को स्मृति चिह्न प्रदान करेंगे।

मेले के नवें दिन आज पुस्तक प्रेमियों के बीच अनेक स्कूल-कॉलेज के छात्र-छात्राओं के समूह मेला घूमते और किताबें देखते नजर आए। हर किताब पर कम से कम 10 प्रतिशत छूट देने वाला और सुबह 11 बजे से रात नौ बजे तक चलने वाले इस मेले में हर तरह किताबों की बिक्री तो चल ही रही है रामनवमी के करीब मेला राममय भी नजर आ रहा है। मेले में उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग द्वारा प्रकाशित काफी टेबल बुक परम्परा संस्कृति विरासत अयोध्या एक महंगी पुस्तक है। इसकी कीमत लगभग आठ हजार रुपये है। इस पुस्तक के साथ ही सुभाष बुक स्टोर के स्टाल पर हिन्दुस्तानी अकादमी की डा. अजय मालवीय की उर्दू में रामकथा देवनागरी लिपि में उपलब्ध है। बोधरस प्रकाशन के स्टाल पर रामायण की नारियां पुस्तक के संग प्रेमनारायण मेहरोत्रा की राम नाम की मधुशाला और जिसने पकड़ा राम नाम उपलब्ध हैं।

सस्ता साहित्य मण्डल के स्टाल पर स्वामी सत्यानन्द की राम कीर्ति किताब के अलावा राधावल्लभ त्रिपाठी की रामायण एक पुनर्यात्रा और भगवान सिंह की लिखी अपने अपने राम जैसी किताबें हैं। इस स्टाल पर चीन, म्यांमार, चेक गणराज्य के संग राजस्थान, मालवा, गढ़वाल, मिथिला आदि अंचलों की लोककथाओं के कई संग्रह हैं। अमीष त्रिपाठी की राम इक्ष्वाकु के वंशज किताब भी कई स्टालों पर हिंदी और अंग्रेजी में उपलब्ध है। रामपुर रजा लाइब्रेरी के स्टाल पर वाल्मीकि रामायण के प्रो. शाह अब्दुस्सलाम और डा. वकालत हसन सिद्दीकी द्वारा किए फारसी अनुवाद से सुमेर सिंह द्वारा किये हिन्दी तुर्जमे और फारसी मूल के तीन खण्ड उपलब्ध हैं। इनमें सुंदर चित्र भी हैं। अमर चित्रकथा के स्टाल पर रामकथा के हनुमान और गरुण जैसे कई चरित्रों पर कॉमिक्स बच्चों को भा रहे हैं। इसमे अलावा मेले में गीता प्रेस की वाल्मीकि रामायण और गोस्वामी तुलसीदास कृत रामचरित मानस भी बिक्री के लिए उपलब्ध है। 

कश्मीर कश्मीरियत और कश्मीरियों के संकट पर लिखी अशोकचन्द्र की पुस्तक का विमोचन पुस्तक मेला मंच का प्रमुख कार्यक्रम था। वाणी प्रकाशन समूह द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक के अरुण सिंह के संचालन में चले विमोचन समारोह में वरिष्ठ पत्रकार के. विक्रमराव ने कश्मीर के इतिहास और हालात को समेटते हुए अपनी बात रखी। इसके अलावा प्रो. रमेश दीक्षित, कात्यायनी और लेखक अशोकचन्द्र ने विचार व्यक्त किये। दौलत देवी स्मृति संस्थान के सम्मान समारोह में नौ महिलाओं सहित विद्वानों को सम्मानित किया। शाम को काव्या सतत साहित्य यात्रा का काव्य समारोह चला।
मेले में अंतिम दिन 26 मार्च को सुबह 11 बजे से युवाओं के कार्यक्रम सूरज के बाद मध्याह्न 12 बजे से नेचर क्लब और विश्वम फाउण्डेशन का सम्मान समारोह, डेढ़ बजे से बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रम और तीन बजे से चारू काव्यांगन की काव्यगोष्ठी होगी। शाम को पुस्तक मेला समिति की ओर से सम्मान और समापन समारोह होगा। मेला फोर्स वन बुक्स के साथ ट्रेड मित्र, ज्वाइन हैण्ड्स फाउण्डेशन, किरन फाउण्डेशन, ओरिजिन्स आदि के सहयोग से हो रहा है।

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