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स्वस्थ्य जीवन का आधार है योग और ध्यान - बृजेश पाठक

उपमुख्यमंत्री ने शुरू किया किसान पथ पर योग मुक्ताकाशी योग व ध्यान केन्द्र 

लखनऊ। इंदिरा डैम ड्रीम वैली किसान पथ के निकट मुक्ताकाशी योग एवं ध्यान केंद्र का शुभारंभ रविवार को उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने केन्द्र नाम पट् का अनावरण और अखण्ड ज्योति प्रज्ज्वलित कर किया। केन्द्र में आगे परम्परागत और प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के द्वारा उपचार भी मिलेगा। गोमती तट के निकट खुले इस केन्द्र के इस अवसर पर योग और ध्यान को स्वस्थ्य जीवन का आधार बताते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक वातावरण में लगभग तीन सौ पुराने विशाल वटवृक्ष के क्षेत्र में खुला यह योग व ध्यान केन्द्र प्रशंसनीय है। इसे खोलने वाले पर्यावरण प्रेमी राजेश राय पहले भी गोमती नदी पर वृत्तचित्र बनाकर प्रकृति प्रेम जाहिर कर चुके हैं। उम्मीद है इस केन्द्र का लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिल सकेगा। 
इस मौके पर अतिथियों का स्वागत करते हुए केन्द्र के परिकल्पक राजेश राय ने कहा कि केन्द्र में शिव का त्रिशूल और हनुमानजी की गदा को प्रतीक स्वरूप पुरातन वृटवृक्ष के नीचे स्थापित किया गया है। गोमती नदी के तट के निकट और वनौषधियों के प्राकृतिक भण्डार के निकट खुले इस केन्द्र में परम्परागत चिकित्सा और पारम्परिक चिकित्सा की सुविधाएं भी प्रारम्भ की जाएंगी। स्वस्ति वाचन से प्रारम्भ, शरद मिश्र के संचालन में चले इस समारोह की अध्यक्षता कर रहे सूचना आयुक्त नरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव नें इस पहल को सार्थक बताते हुए कहा कि योग-ध्यान और पारंपरिक पद्धतियों से ज्यादा लाभ प्राप्त कर उपचार कम खर्च में किया जा सकता है। बाबा महादेव ने अखण्ड ज्योति प्रज्ज्वलित करने के महत्व पर प्रकाश डाला। 
वृंदावन के पूज्य आलोककृष्ण गोस्वामी ने योग को व्यापक शबद बताते हुए कर्मयोग, ज्ञान योग और भक्ति योग की चर्चा की। अंत में अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए पूर्व मंत्री और पूर्व सांसद कुसुम राय ने कहा कि योग-घ्यान और भारतीय चिकित्सा पद्धतियो का महत्व हम कोरोना काल में जान चुके हैं। इस अवसर पर प्रमुख रूप से एमएलसी पवन सिंह चौहान, समाजसेविका नम्रता पाठक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक बृजेंद्र सिंह, मदसूदन दीक्षित, रामानंद फाउंडेशन के आनंद महाराज, विश्व पुरोहित परिषद के अध्यक्ष विपिन पांडे, शैलेंद्र सिंह, विशाल सिंह, अरुण तिवारी, अरुण उपाध्याय, शिव पूजन दीक्षित सहित बड़ी संख्या में साधु संत और गणमान्य अतिथि मौजूद रहे।

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