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बागियों को मनाने में नाकाम रहे प्रमुख राजनैतिक दल, बढ़ी मुश्किलें

लखनऊ। किसी ने टिकट न मिलने तो किसी ने प्रत्याशियों का सही चयन न किये जाने और समर्पित कार्यकर्ताओं की उपेक्षा किये जाने का आरोप लगाते हुए निर्दलीय ताल ठोक दी। टिकट न मिलने से नाराज पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने निर्दलीय नामांकन भी कर दिया। भाजपा, सपा से टिकट न मिलने पर अपनों ने निर्दलीय नामांकन कर दिया। इससे पार्टी के पदाधिकारी सकते में आ गए और निकाय चुनाव में किसी भी प्रकार की जोखिम से बचने के लिए भाजपा बागियों के मान-मनौव्वल में जुट गई। पार्टी के प्रमुख पदाधिकारियों को इस काम की जिम्मेदारी दी गयी। पूर्व डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा, महानगर अध्यक्ष व एमएलसी मुकेश शर्मा तथा भाजपा नेता नीरज सिंह ड्रैमेज कंट्रोल में लग गए। इसके अलावा पुराने वरिष्ठ नेताओं को भी जिम्मेदारी सौंपी गई। कई वार्डों में पार्षद प्रत्याशियों ने रूठों को मनाने के लिए उनके घर तक माथा टेका, मगर सबकी मेहनत रंग नहीं लायी। नाम वापसी के दिन कुछ बागियों ने ही दबाव में अपना नाम वापस लिया। 

चुनाव को लेकर पूरी तैयारी कर चुके प्रत्याशियों ने पार्टी लाइन से हटकर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में दावा ठोंक दिया। इन प्रत्याशियों ने पीछे हटने से इंकार कर दिया। मैथिली शरण गुप्त वार्ड से पूर्व पार्षद दिलीप श्रीवास्तव ने अपना नामांकन वापस नहीं लिया है। यहां से संदीप पाठक को भाजपा प्रत्याशी बनाया गया है। टिकट न मिलने से नाराज दिलीप निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। महकवि जयशंकर प्रसाद वार्ड से पूर्व कार्यवाहक महापौर सुरेश चंद्र अवस्थी ने भी अपना पर्चा वापस नहीं लिया है। उन्हें विधायक डॉ. नीरज बोरा के विरोध का सामना करना पड़ा। इससे वह पूरी तरह से नाराज हैं। टिकट कटने से नाराज लोहिया नगर वार्ड से पूर्व भाजपा पार्षद अखिलेश गिरी ने भी पार्टी खिलाफ ताल ठोंक दी है। यहां से भाजपा ने नामित पार्षद रहे राकेश मिश्रा को टिकट दिया है। फैजुल्लागंज वार्ड द्वितीय में भाजपा प्रत्याशी का विरोध करते हुए कई दावेदारों ने भी अपना नामांकन वापस नहीं लिया है। टिकट न मिलने से नाराज समाजसेविका ममता त्रिपाठी ने नामांकन कर दिया। वहीं निवर्तमान भाजपा पार्षद अमित मौर्या की माँ सुभाषिनी मौर्या भी निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं। वहीं टिकट न मिलने से नाराज समाजवादी पार्टी लखनऊ उत्तर विधानसभा अध्यक्ष आलोक यादव की पत्नी भी निर्दलीय चुनाव मैदान में है।

सास के लिए बहू ने वापस लिया अपना पर्चा
फैजुल्लागंज वार्ड तृतीय के निवर्तमान भाजपा पार्षद अमित मौर्या अपनी मां सुभाषिनी मौर्या को फैजुल्लागंज वार्ड द्वितीय से निर्दलीय चुनाव लड़ा रहे हैं। हालांकि अमित ने अपनी पत्नी संगीता मौर्या का भी पर्चा दाखिल कराया था, लेकिन गुरुवार को अपनी सास के समर्थन में संगीता ने अपना नामांकन वापस ले लिया है।

वहीं भाजपा ओबीसी मोर्चा लखनऊ उत्तर मंडल 4 के अध्यक्ष आदित्य कुमार गौड़ ने फैजुल्लागंज वार्ड तृतीय से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि लेबर कॉलोनी वार्ड से पूर्व पार्षद राजेश मालवीय ने पार्टी पदाधिकारियों के दबाव में नामांकन वापस ले लिया है। मालवीय पूर्व सपा पार्षद अजय दीक्षित को टिकट देने से नाराज हैं। 4 बार लगातार पार्षद रहे राम गोपाल जायसवाल ने कैंट विधानसभा अंतर्गत मोतीलाल नेहरू चंद्रभानु गुप्त नगर वार्ड से अपना निर्दलीय नामांकन वापस ले लिया। इससे पहले उन्होंने डिप्टी सीएम बृजेश पाठक से उनके आवास पर मुलाकात की। जहां जायसवाल ने भारतीय जनता पार्टी के समर्थित प्रत्याशी को अपना समर्थन प्रदान करने का निर्णय लिया। इसके अलावा त्रिवेणीनगर वार्ड से भाजपा महिला मोर्चा की नगर मंत्री उमा मिश्रा ने भी निर्दलीय नामांकन किया था। उमा मिश्रा ने महिला आरक्षित सीटों पर महिला मोर्चा पदाधिकारियों व सक्रिय महिला कार्यकतार्ओं की उपेक्षा किये जाने का आरोप भाजपा पर लगाया। उन्होंने पूर्व डिप्टी सीएम के प्रति रोष व्यक्त करते हुए कहा दुखद है कि वरिष्ठ पदाधिकारियों को किसी भी वार्ड में महिला कार्यकर्ता नजर नहीं आती हैं, पत्नियों को टिकट दिया गया है। गुरुवार को वह पार्टी कार्यालय में भी विरोध दर्ज कराने पहुंची, दोपहर बाद उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया। उन्होंने बताया कि पूर्व नगर अध्यक्ष मनोहर सिंह व बीकेटी विधायक योगेश शुक्ला मान मनौव्वल करने उनके घर पहुंचे थे। वहीं युवा नेता नीरज सिंह ने भी आश्वासन दिया है कि महिला कार्यकर्ताओं को मान सम्मान मिलेगा। जिसके बाद उन्होंने अपना नामांकन वापस लिया है।

983 ने किया था नामांकन, 88 ने वापस लिया पर्चा
लखनऊ नगर निगम के 110 वार्डों के लिए भाजपा, सपा, कांग्रेस व आप समेत निर्दलीय उम्मीदवारों ने नामांकन कराया था। महापौर के लिए कुल 13 उम्मीदवारों ने व पार्षदी के लिए 983 से अधिक प्रत्याशियों ने नामांकन किया था। दो दिन की नामांकन पत्रों की जांच में महापौर के लिए भरे गए सभी उम्मीदवारों के पत्र सही पाए गए जबकि नामांकन वापसी के दिन किसी भी प्रत्याशी ने अपना नाम वापस नहीं लिया। वहीं पार्षद पद के लिए नामांकन पत्र की जांच में लगभग 82 पत्र खारिज हो गए, 88 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया। अब 711 प्रत्याशी ही मैदान में बचे हैं। जोन एक के वार्डों से 4, जोन दो के वार्डों से 7, जोन तीन के वार्डों से 18, जोन चार के वार्डों से 14, जोन पांच के वार्डों से 5, जोन छह के वार्डों से 23, जोन सात के वार्डों से 8 और जोन आठ के वार्डों से 9 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस ले लिया है।

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