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महाकवि जयशंकर प्रसाद वार्ड : दोहरायेगा 17 वर्ष पुराना इतिहास या टूटेगा 22 वर्ष का रिकार्ड

लखनऊ (शम्भू शरण वर्मा)। निकाय चुनाव के प्रथम चरण का प्रचार थम चुका है और 4 मई को प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला ईवीएम में कैद हो जाएगा। लखनऊ नगर निगम के 110 वार्डों में पार्षद के साथ ही शहर का प्रथम नागरिक चुनने के लिए राजधानीवासी भी 4 मई को मतदान करेंगे। वहीं उन वार्डों पर सभी की निगाहें ज्यादा टिकी है जिन वार्डों में टिकट न मिलने से नाराज होकर निर्दलीय चुनाव मैदान में है। उन्ही में से एक है महाकवि जयशंकर प्रसाद वार्ड। भाजपा का गढ़ मानी जाने वाली इस सीट पर प्रमुख राजनैतिक दलों के साथ ही मतदाताओं की भी निगाहें है। इस बार भारतीय जनता पार्टी ने स्वदेश सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है। जबकि टिकट न मिलने पर पूर्व कार्यवाहक महापौर सुरेश चंद्र अवस्थी भी निर्दलीय लड़ रहे है। वहीं समाजवादी पार्टी से वैभव मिश्रा अपना भाग्य आजमा रहे हैं। चुनाव प्रचार के दौरान सभी प्रत्याशियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है और अब गेंद मतदाताओं के पाले में है। भाजपा प्रत्याशी स्वदेश सिंह के पक्ष में बीते दिनों डिप्टी सीएम बृजेश पाठक व पूर्व डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा सहित कई दिग्गजों ने जनसभा भी की थी। 

वहीं एक बार फिर निर्दलीय भाग्य आजमा रहे पूर्व कार्यवाहक महापौर सुरेश चंद्र अवस्थी ने भी बीते दो दशक में कराए गए कार्यों के सहारे 17 वर्ष पूर्व के इतिहास को दोहराने की हर संभव कोशिश की है। बीते दो दशक से उनके परिवार में ही पार्षदी है। सुरेश चंद्र अवस्थी लगातार तीन बार पार्षद रह चुके हैं। वर्ष 2001 में पहली बार भाजपा के टिकट पर सुरेश चुनाव जीते थे। वर्ष 2006 में भाजपा ने अनिल सक्सेना को चुनाव मैदान में उतारा था जिससे नाराज होकर वह निर्दलीय चुनाव लड़े थे और जीत दर्ज की थी। हालांकि बाद में सुरेश चंद्र अवस्थी पुनः भाजपा में शामिल हो गए थे। वर्ष 2012 में एक बार फिर पार्टी ने उन पर विश्वास जताते हुए चुनाव मैदान में उतारा था और वह जीते भी थे। जबकि वर्ष 2017 में सीट महिला आरक्षित होने पर उनकी पत्नी गीता अवस्थी भाजपा से चुनाव जीती थीं। इस बार फिर उन्होंने दावेदारी की थी लेकिन भाजपा ने स्वदेश सिंह पर विश्वास जताया है। ऐसे में इस बार महाकवि जयशंकर प्रसाद वार्ड में 17 वर्ष पुराना इतिहास दोहराएगा या 22 वर्ष का रिकार्ड टूटेगा इसका फैसला 4 मई को क्षेत्र की जनता मतदान कर करेगी।

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