Pages

'रुई सरीखे दिखते बादल...'

लखनऊ। महिला काव्य मंच उत्तर प्रदेश (मध्य) लखनऊ इकाई की मासिक काव्य गोष्ठी का शुभारंभ डा. रीना श्रीवास्तव की अध्यक्षता में ऑनलाइन माँ सरस्वती वंदना के साथ हुआ। राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी (मकाम) डॉ. राजेश कुमारी ने कवयित्रियों को प्रोत्साहित किया। सभी को आयोजन व सावन की शुभकामनाएं प्रेषित की और साथ ही 'भूरे काले छाए बादल' कविता का पाठ किया। काव्य संध्या को आगे बढ़ाते हुए डॉ. गीता मिश्रा ने 'किस दम पर हम', नीरजा शुक्ला 'नीरू' ने 'रुई सरीखे दिखते बादल' गीत सुनाया। डॉ. अलका गुप्ता ने 'सावन महीना री' का सस्वर पाठ किया। कार्यक्रम में स्नेह लता ने 'ऐ कलम के सिपाही' सुनाकर सबसे वाहवाही लूटी। अंजू सुंदर ने 'सभा में शोभित', सरिता कटियार ने 'वक्त जिसका गुजर गया', नीलम किशोर श्रीवास्तव ने 'सावन के महीने में', डॉ. कालिंदी पांडे ने 'कभी गरजना कभी बरसना' का पाठ किया। 

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद मकाम अबूधाबी इकाई की अध्यक्षा ललिता मिश्रा ने 'आज की नारी है तू' के माध्यम से नारी के सबला रूप को सशक्त किया। साधना मिश्रा लखनवी ने 'हरियाली की पहन चुनरिया' गाकर धूम मचा दी। डॉ. पूनम सिंह ने 'बरसो न बादल बन के', डॉ. रेखा गुप्ता ने 'अभी आपसे जिंदगी' सुनाकर श्रोताओं को अभिभूत कर दिया। स्मिता सिंह ने 'मृदुल मधुर स्पर्श तुम्हारा', बीना श्रीवास्तव ने 'रिमझिम पड़े फुहार', डॉ सुधा मिश्रा ने 'उमगे नित हिरदय', डॉ अनुराधा पांडे ने 'कवि कभी नहीं श्रृंगार लिखो' शालिनी त्रिपाठी ने 'सभी भगतों के पालनहार' व मकाम की नवोदित सदस्या सीमा मिश्रा ने 'सत्य, प्रेम और त्याग' और डॉ. कीर्ति श्रीवास्तव ने 'सावन में मायका' कविताओं के माध्यम से पटल पर उल्लास की बौछार हुई। कार्यक्रम बहुत सार्थक, प्रेरणादायी व उत्साहवर्धक रहा। कार्यक्रम का संचालन डा. अनुराधा पांडे ने किया। अंत में डॉ. रीना श्रीवास्तव ने अपने अध्यक्षीय अभिभाषण में सभी का आभार व्यक्त करने के साथ अपनी कविता 'सावन बरसे झूम के' का पाठ कर और सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः की कामना के साथ काव्य गोष्ठी का समापन किया।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ