एसोसिएशन ऑफ केमिस्ट्री टीचर्स की 25वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में नवयुग कन्या महाविद्यालय में राष्ट्रीय संगोष्ठी का भव्य आयोजन
लखनऊ। नवयुग कन्या महाविद्यालय, लखनऊ के रसायन विज्ञान विभाग की छात्रा इकाई "क्लब-नव उमंग" द्वारा एसोसिएशन ऑफ केमिस्ट्री टीचर्स, इंडिया के सहयोग से बुधवार को एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन प्राचार्य प्रोफेसर मंजुला उपाध्याय की अध्यक्षता में किया गया। इस संगोष्ठी का विषय "स्वस्थ जीवन एवं हरित ग्रह के लिए रसायन विज्ञान" (Chemistry for a Healthier Life and Greener Planet) रहा । यह संगोष्ठी एसोसिएशन ऑफ केमिस्ट्री टीचर्स की स्थापना की 25वीं वर्षगांठ (रजत जयंती) के उपलक्ष्य में आयोजित की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ, जिसके साथ दीप प्रज्वलन गीत प्रस्तुत किया गया, जिसे अक्षरा ज्ञान ने स्वरबद्ध किया। तत्पश्चात सृष्टि मिश्रा द्वारा सरस्वती वंदना पर मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति की गई। अतिथियों का स्वागत पारंपरिक रूप से स्मृति चिन्ह और पौध भेंट कर किया गया, जो संस्था की पर्यावरणीय चेतना एवं सांस्कृतिक परंपराओं को दर्शाता है।
मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. अजीत कुमार शासने (निदेशक- सीएसआईआर-राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान) एवं विशिष्ट वक्ता के रूप में डॉ. नम्रता रस्तोगी (सीनियर प्रिंसिपल साइंटिस्ट -सीएसआईआर‑सीडीआरआई) ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। उन्होंने अपने सारगर्भित वक्तव्यों में रसायन विज्ञान की सामाजिक, स्वास्थ्य और पर्यावरणीय प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में एसोसिएशन ऑफ केमिस्ट्री टीचर्स की ओर से अनेक गणमान्य प्रतिनिधि उपस्थित रहे। प्रो. श्रद्धा सिन्हा (ACT उत्तर क्षेत्र की उपाध्यक्ष), प्रो. सुधा जैन (ACT की पूर्व अध्यक्ष ), तथा शैलेन्द्र जैन (ACT की कार्यकारी परिषद के सदस्य) कार्यक्रम में विशेष रूप से शामिल हुए। इन सभी अतिथियों ने न केवल अपने विचारों और अनुभवों को साझा किया, बल्कि रसायन विज्ञान शिक्षा के क्षेत्र में ACT की भूमिका तथा भविष्य की दिशा पर भी महत्वपूर्ण प्रकाश डाला। कार्यक्रम के दौरान "जल बचाओ, ग्रह बचाओ" विषय पर एक सांस्कृतिक लघुनाटिका प्रस्तुत की गई, जिसमें क्लब नव उमंग की छात्राओं प्रज्ञा पटवा, शिवांगी, प्रियांका, आकर्षा, सलोनी, दीपाली, मानसी एवं महिमा ने भाग लिया और पर्यावरणीय चेतना का सशक्त संदेश दिया। कार्यक्रम संयोजक डॉ. नेहा अग्रवाल ने संगोष्ठी की रूपरेखा प्रस्तुत की। मुख्य अतिथि ने अपने व्याख्यान में बताया कि पौधों में बनने वाले मेटाबोलाइट्स और उनके विश्लेषण के लिए HPLC जैसी तकनीकें अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि वातसमनम पौधा विशिष्ट प्रकार के स्टेरॉइड्स उत्पन्न करता है जो औषधि क्षेत्र में लाभकारी हैं। उन्होंने अपने व्याख्यान में यह भी बताया कि ग्रीन केमिस्ट्री के माध्यम से रसायन विज्ञान को जीवविज्ञान और पर्यावरण के साथ जोड़कर काम करना आवश्यक है ताकि हम स्वच्छ जल संरक्षण और माइक्रोप्लास्टिक जैसी समस्याओं से निपट सकें।
विशिष्ट अतिथि ने अपने व्याख्यान में औषधीय रसायन विज्ञान, प्राकृतिक स्रोतों से दवाओं के निर्माण, प्रयोगशाला में सिंथेटिक दवाओं के विकास, और दवाओं में चिरालिटी तथा आइसोमर्स के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने समझाया कि फोटोसिंथेसिस के माध्यम से पौधों में जटिल अणु बनते हैं, जो दवाओं के विकास में सहायक हैं।
इसके पश्चात ACT-Concept Test के प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. मंजुला उपाध्याय ने अपने उद्बोधन में रसायन विज्ञान के बदलते आयामों, शैक्षिक नवाचारों तथा शिक्षक समुदाय की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस अवसर पर रसायन शिक्षा के नवाचारों और छात्र सहभागिता की सराहना की। कार्यक्रम का सफल संचालन माहिमा सिंह और रम्शा ने किया। कार्यक्रम में डॉ. ममता वर्मा, डॉ. चंदन मौर्य, श्रीमती ललिता पांडेय सहित विज्ञान संकाय की समस्त छात्राएँ तथा सभी सम्मानित शिक्षिकाएँ उपस्थित रहीं कार्यक्रम के अंत में औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर श्रद्धा सिन्हा द्वारा किया गया एवं समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया।
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