google.com, pub-1705301601279513, DIRECT, f08c47fec0942fa0/> मानव जीवन के वास्तविक कल्याण का प्रतीक है नवरात्र : सपना गोयल

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मानव जीवन के वास्तविक कल्याण का प्रतीक है नवरात्र : सपना गोयल

सनातन ध्वज वाहिका सपना गोयल ने दिया संदेश सुंदरकांड के पाठ से मिलेगा आत्मबल

मानव के अंदर छिपे रावण पर होगी विजय और स्वदेशी बनेगी विचारधारा

नवमी पर श्री परमानंद हरिहर मंदिर में विश्व शान्ति और भारत की उन्नति के लिए हुआ हवन-कीर्तन एवं भंडारा

विजयदशमी पर हर सनातनी अपने अपने घर के द्वार पर राष्ट्र के नाम एक दीपक जलाएं और अपने घर की छत पर भगवा धर्म ध्वज फहराएं


लखनऊ।
ईश्वरीय स्वप्नाशीष सेवा समिति की ओर से सनातन ध्वज वाहिका सपना गोयल की अगुआई में शारदीय नवरात्र की नवमी के पावन अवसर पर, बुधवार एक अक्टूबर को, देवा रोड स्थित श्री परमानंद हरि हर मंदिर में विश्व शान्ति और भारत की उन्नति के लिए हवन किया गया। इसके साथ ही मातृशक्तियों ने सर्वमंगल की कामना से कीर्तन भी किया। “हरी” और “हर” को भोग अर्पित करने के उपरांत भव्य सात्विक भंडारा भी हुआ। इसमें बड़ी संख्या में भक्तों की सहभागिता रही। आयोजन परिसर, “सुंदरकांड महा अभियान बने - भारत वर्ष की पहचान” के जयघोष से गूंज उठा।

मंदिर की संस्थापिका और सनातन ध्वज वाहिका सपना गोयल ने इस अवसर पर बताया कि नवरात्र, मानव जीवन के वास्तविक कल्याण का प्रतीक है। सम्पूर्ण सृष्टि का संचालन करने वाली महाशक्ति देवी मां दुर्गा का जप, तप और ध्यान करने से प्रत्येक मानव का कल्याण संभव है। दुर्गोत्सव हमें मां की परम शक्ति और ममता दोनों से एकाकार करवाता है। इसी क्रम में उन्होंने बताया कि विजयदशमी का पर्व केवल रावण पर प्रभु श्री राम की विजय का स्मरण मात्र नहीं कराता है बल्कि यह असत्य पर सत्य, अधर्म पर धर्म और अन्याय पर न्याय की विजय का प्रतीक है। हम सबको यह नहीं भूलना चाहिए कि सबसे कठिन युद्ध किसी और से नहीं, बल्कि स्वयं से होता है। हमारी बुराइयां ही हमारे भीतर छिपे वास्तविक राक्षस हैं। जब तक हम क्रोध, लोभ, ईर्ष्या और आलस्य रूपी दशानन पर विजय नहीं पाते, तब तक वास्तविक विजयदशमी अधूरी है। अपने भीतर विजय पाने के लिए हमें शक्ति की आवश्यकता होती है। यह शक्ति हमें, सुंदरकांड के नियमित पाठ से प्राप्त हो सकती है। सुंदरकांड का पाठ न केवल मन और विचारों को शुद्ध करता है बल्कि कठिन समय में साहस और धैर्य भी प्रदान करता है। इसके साथ ही उन्होंने संदेश दिया कि वक्त की मांग है कि हम स्वदेशी अपनाने की भी प्रतिज्ञा करें। स्वदेशी का आशय केवल वस्तुएं खरीदने तक सीमित नहीं है बल्कि यह एक मानसिकता है। ऐसी मानसिकता, जिसमें सात्विकता, आत्मनिर्भरता और राष्ट्रवाद की भावना का संचार होता है। इसलिए सनातन ध्वजवाहिका सपना गोयल ने संकल्प करवाया कि सुंदरकांड का नियमित पाठ करेंगे और स्वदेशी को अपनाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने आवाह्न किया कि विजयदशमी पर हर सनातनी अपने अपने घर के द्वार पर राष्ट्र के नाम एक दीपक जलाएं और अपने घर की छत पर भगवा धर्म ध्वज फहराएं।

सनातन ध्वज वाहिका सपना गोयल ने बताया कि श्री परमानंद हरि हर मंदिर की स्थापना 10 जुलाई 2021 को अमावस्या के अवसर पर की गई थी। दरअसल इस मंदिर के निर्माण की प्रेरणा उन्हें अपने स्वप्न में हुई थी इसलिए उनके द्वारा ईश्वरीय स्वप्नाशीष सेवा समिति की स्थापना कर सनातन जागृति का वृहद कार्य किया जा रहा है। इस मंदिर में “हरि” और “हर” दोनों स्थापित है इसलिए यह मंदिर का भक्तों में “श्री परमान्द हरि हर मन्दिर” के रूप में लोकप्रिय है। मंदिर में महादेव जी, “वरदानी बाबा” के रूप में स्थापित हैं। इसके साथ ही मंदिर परिसर में प्रभु राम का दिव्य दरबार, राधा-कृष्ण, मां दुर्गा, दक्षिण मुखी हनुमान महाराज और शनि महाराज जी की प्रतिमाएं विराजमान हैं।

सनातन ध्वजवाहिका सपना गोयल के अनुसार सुंदरकांड महायज्ञ अनुष्ठान करने का एकमात्र उद्देश्य, संतों और देवों की भूमि भारतवर्ष को विश्व में दोबारा विश्वगुरु के रूप में प्रतिष्ठित करना और हिन्दुस्तान विरोधी असुरीय शक्तियों के दमन हेतु प्रार्थना करना है। “सुंदरकांड महा अभियान, भारत वर्ष की बने पहचान” के तहत जिलों से लेकर दिलों तक को जोड़ा जा रहा है। यह अभियान देश ही नहीं विदेशों तक में संचालित किया जा रहा है। सनातन ध्वजवाहिका सपना गोयल के अनुसार सुंदरकांड के नियमित पाठ से केवल सनातनियों का ही नहीं बल्कि हर समाज के अनुयायियों का कल्याण सम्भव है। सुंदरकांड के पाठ में सुंदर विश्व की कामना का भाव निहित है। अयोध्या जी जन्मभूमि परिसर में मातृशक्तियों द्वारा सामूहिक “मासिक सुंदरकाण्ड पाठ” का सिलसिला 11 सितम्बर 2024 से शुरू हो गया है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से लखनऊ की “ईश्वरीय स्वप्नाशीष सेवा समिति” की सनातन ध्वजवाहिका सपना गोयल को इसका दायित्व सौंपा गया है। सपना गोयल द्वारा बिना किसी सरकारी या निजी सहयोग के, बीते साल 10 मार्च 2024 को महिला दिवस के उपलक्ष्य में पांच हजार से अधिक मातृशक्तियों द्वारा लखनऊ के झूलेलाल घाट पर सामूहिक सुंदरकांड का भव्य अनुष्ठान सम्पन्न करवाया गया था। सामूहिक सुंदरकांड का अभियान राष्ट्रीय स्तर पर वृहद रूप में निरंतर संचालित किया जा रहा है। इस क्रम में स्थानीय अनगिनत मंदिरों के साथ ही नैमिषारण्य तीर्थ, उत्तराखंड कोटद्वार के प्रतिष्ठित प्राचीन मंदिर-सिद्धबली परिसर, काशी के बाबा विश्वनाथ मंदिर परिसर, मथुरा के भगवान कृष्ण जन्मस्थली मंदिर परिसर और प्रयागराज के लेटे हुए हनुमान मंदिर परिसर में भी सामूहिक सुंदरकांड पाठ का अनुष्ठान, सफलतापूर्वक आयोजित करवाया जा चुका है।


सपना गोयल

संस्थापिका

श्री परमानंद हरि हर मंदिर, लखनऊ

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