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बिजली इंजीनियरों ने फूंका आंदोलन का बिगुल, किया ये ऐलान

लखनऊ। ज्वलन्त समस्याओं के समाधान न होने एवं पावर कारपोरेशन प्रबन्धन के द्वारा की जा रही उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों के विरोध में उप्रराविप अभियन्ता संघ ने सोमवार को आंदोलन का बिगुल फूंक दिया। अपना पूर्व घोषित आंदोलन प्रारंभ करते हुए बिजली अभियंताओं ने दिनभर दायें बाजू पर काली पट्टी बांधकर विरोध जताया और शाम 5 बजे सभी जनपद मुख्यालयों, परियोजनाओं सहित राजधानी लखनऊ में शक्तिभवन पर विरोध सभा की। साथ ही ऐलान किया कि उत्पीडन बंद न होने और सार्थक समाधान न होने पर 18 अक्टूबर से नियमानुसार कार्य (work to rule) प्रारम्भ कर देंगे एवं 26 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार प्रारम्भ किया जायेगा। वहीं मंगलवार को भी पूरे प्रदेश में काली पट्टी बांधकर विरोध जारी रहेगा। 

आज पूरे प्रदेश में गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, बस्ती, मिर्जापुर, आजमगढ़, जौनपुर, गाजीपुर, बरेली, अयोध्या, मुरादाबाद, मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, बुलन्दशहर, देवीपाटन, आगरा, मथुरा, झांसी, बांदा, अलीगढ़, हाथरस, चित्रकूट, देवरिया, हमीरपुर समेत सभी जनपद मुख्यालयों व अनपरा, ओबरा, पारीछा, हरदुआगंज, पनकी, खारा समेत सभी परियोजनाओं पर समस्त अभियन्ताओं ने काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराया। अभियन्ता संघ के अध्यक्ष वीपी सिंह ने बताया कि पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार आज सभी ऊर्जा निगमों के तमाम अभियन्ताओं ने पूरे दिन काली पट्टी बांध कर विरोध दिवस मनाया व समस्त जनपद मुख्यालयों व परियोजनाओं पर 5 बजे विरोध सभा कर जमकर नारेबाजी की। कल 5 अक्टूबर को भी पूरे प्रदेश में पूरे दिन काली पट्टी बांध कर ध्यानाकर्षण किया जायेगा। अभियन्ता संघ के महासचिव प्रभात सिंह ने बताया कि उत्पादन निगम में कोयले के भुगतान नहीं होने के कारण कोयले की आपूर्ति बाधित हो रही है। जिससे प्रदेश को सस्ती बिजली देने वाली सरकारी उपक्रम उत्पादन निगम के परियोजनाओं में उत्पादन प्रभावित हो रहा है जो कि प्रबन्धन की एक बड़ी विफलता है।   

आन्दोलन के अगले चरण में 6, 7 व 8 अक्टूबर को सायं 04 बजे से 05 बजे तक 01 घण्टे का कार्य बहिष्कार किया जायेगा। 11 एवं 12 अक्टूबर को सायं 03 बजे से 05 बजे तक 02 घण्टे का कार्य बहिष्कार किया जायेगा और 18 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक अपरान्ह 02 बजे से सायं 05 बजे तक 03 घण्टे का कार्य बहिष्कार किया जायेगा। 18 अक्टूबर से ही सभी ऊर्जा निगमों के अभियन्ता नियमानुसार कार्य आन्दोलन प्रारम्भ कर देगें। जिसके अन्तर्गत सांय 05 बजे से अगले दिन प्रातः 10 बजे तक कोई कार्य नहीं करेंगे, साथ ही विद्युत अभियन्ता कार्य के समय में भी केवल अपने लिए ही निर्धारित कार्य करेंगे, अन्य कोई कार्य नहीं करेंगे। समस्याओं का सार्थक समाधान नहीं होने पर 26 अक्टूबर से सभी अभियन्ता अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार प्रारम्भ कर देगें।
अभियन्ताओं की प्रमुख मांगे

● सभी ऊर्जा निगमों का एकीकरण कर यूपीएसईबी लि. का पुनर्गठन किया जाये
● 06 अक्टूबर 2020 को कैबिनेट उप समिति के साथ हुए समझौते के तहत वाराणसी व अन्य स्थानों पर आन्दोलन के कारण दर्ज एफआईआर वापस ली जाये
● वर्ष 2000 के बाद नियुक्त सभी अभियन्ताओं के लिए पुरानी पेंशन प्रणाली लागू की जाये 
● अभियन्ताओं की सभी वेतन विसंगति दूर की जाये
● निदेशक के पदों पर आयु सीमा 60 वर्ष की जाये
● ग्रेटर नोएडा के निजीकरण व आगरा के फ्रेंचाइजीकरण रद्द किये जायें
● उत्पीड़न की दृष्टि से पदोन्नति के नियमों में किये गये प्रतिगामी परिवर्तन वापस लिये जायें
● सभी संसूचित अस्पतालों में कैशलेस मेडिकल की सुविधा दी जाये
● उत्पादन निगम में 2008 ई0एण्डएम0 बैच व 2011 सिविल बैच की अतिशीघ्र पदोन्नतियां की जायें
 ● पावर कारपोरेशन प्रबन्धन द्वारा की गयी समस्त उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियां वापस ली जायें
● सहायक अभियंताओं का नियुक्ति ग्रेड पेय 6600 किया जाये
● तृतीय एसीपी पर ग्रेड 11000 का वेतनमान देने सहित अन्य वेतन विसंगतियां दूर की जाए
● इंजीनियर प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए
अभियन्ता संघ ने अभियंताओं की लंबित ज्वलंत समस्याओं के निराकरण के लिए ऊर्जा मंत्री और मुख्यमंत्री से प्रभावी हस्तक्षेप करने की अपील की। प्रबन्धन को पूर्व में प्रेषित नोटिस में अभियन्ता संघ ने चेतावनी दी है कि यदि किसी भी अभियन्ता का आन्दोलन के कारण उत्पीड़न किया गया तो बिना कोई नोटिस दिये सभी ऊर्जा निगमां के अभियन्ता सीधी कार्यवाही प्रारम्भ कर देगें जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रबन्धन की होगी।

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