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उत्तर प्रदेश : विलुप्त होती लोक कलाओं और कलाकारों को सहेजने का प्रयास, इनको मिलेगी प्राथमिकता

  • सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों में पारंपरिक युवा कलाकारों को खोज निकालने का लिया निर्णय
  • दर्जनभर से अधिक विधाओं से जुड़े कलाकारों की हो रही तलाश
  • 15 से 29 वर्ष तक के कलाकारों को मिलेगी प्राथमिकता
  • कलाकारों की तलाश में जुटा जिला युवा कल्याण विभाग
  • विलुप्त होती लोक कलाओं को लेकर बेहद संजीदा हैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ   

आगरा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विलुप्त होती लोक कलाओं को लेकर बेहद संजीदा है। शहर, गांव से लेकर मोहल्लों में ढेरों प्रतिभाएं हैं, लेकिन उनके अंदर विभिन्न कला से संबंधित प्रतिभा बिना प्रोत्साहन और मंच के आगे नहीं बढ़ पाती है। सरकार ने प्रदेश भर के सभी जिलों में से ऐसे ही पारम्परिक हुनरमंद युवाओं को मौका देने के लिए एक बड़ी पहल की है। आगरा में 18 विधाओं से जुड़े कलाकारों की तलाश शुरु हो गई है। इन कलाकारों को आगे बढ़ने के लिए मौका मिलेगा और प्रोत्साहन भी मिलेगा। यह 18 विधाएं देश की संस्कृति से जुड़ी हुई है जो सदियों से भारतीयों की आत्मा भी कही जाती हैं।

युवा कल्याण विभाग देगा मंच

जिला युवा कल्याण विभाग द्वारा 18 विधाओं में से किसी भी एक विधा में पारंगत या हुनरमंद युवाओं की तलाश शुरू कर दी है। इसके लिए गांव और शहरों में युवा कल्याण विभाग के अधिकारी और प्रतिनिधि कार्य कर रहे हैं। प्रत्येक ग्राम पंचायतों में भी हुनरमंद युवाओं की तलाश के लिए संदेश भेजा जा रहा है। ग्राम प्रधान व सचिव के माध्यम से हुनरमंद युवाओं की पहचान हो रही है। जिन युवाओं की पहचान होगी उनके हुनर को आगे बढ़ाने के लिए युवा कल्याण विभाग एक मंच भी प्रदान करेगा और उन्हें प्रोत्साहित करके आगे बढ़ाएगा। इन युवा कलाकारों को खोजने की जिम्मेदारी जिला युवा कल्याण विभाग को दी गई है।

हुनरमंद युवाओं की तलाश

जिला युवा कल्याण अधिकारी जयपाल सिंह सागर ने बताया कि सरकार पारम्परिक लोक कलाओं को सहेजने से पूर्व उसे जीवित रखने वाले कलाकारों को मंच देने की तैयारी में है। इसके लिए युवाओं की तलाश, उनकी पहचान गांव और शहर हर जगह की जा रही है। युवा कल्याण विभाग जिन 18 विधाओं में हुनरमंद युवाओं की तलाश कर रही है उसमें लोक नृत्य, लोकगीत, एकांकी और भारतीय क्लासिकल वोकल भी शामिल है। इसके अलावा कर्नाटक वोकल, सितार वादन, बांसुरी वादन, तबला वादन में पारंगत युवाओं को भी मौका दिया जाएगा। वीणा वादन, मृदंग, हारमोनियम, लाइट, गिटार वादन करने वाले युवा भी इस तलाश में शामिल है। जबकि मणिपुरी नृत्य, ओडिसी नृत्य, भरतनाट्यम नृत्य, कत्थक नृत्य, कुचिपुड़ी नृत्य, एक्सटेम्पोर की विधा में पारंगत युवाओं को बड़े स्तर पर ले जाने में सहयोग और मंच युवा कल्याण विभाग प्रदान करेगा।

ऑनलाइन साझा की जानकारी

उन्होंने बताया कि लोक कलाकारों को पोर्टल के माध्यम से सूचीबद्ध भी किया जा रहा है। जिले भर से बड़ी संख्या में युवाओं ने विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन अपनी जानकारी साझा की है। इसमें 15-29 वर्ष तक के कलाकारों को आमंत्रित किया गया है।

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