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एकेटीयू पहुंचे विशंभर नाथ, रोटी कपड़ा और मकान को इंटरनेट से दे रहे पहचान

रोटी कपड़ा और मकान को पहचान दिलाने साइकिल से झारखंड से दिल्ली जा रहे है विशम्भर

लखनऊ। झारखंड के सिमडेगा से साइकिल पर सवार होकर दिल्ली की यात्रा पर निकले मोर मिट्टी यानी मेरी मिट्टी अभियान चलाने वाले ग्रुप के एक सदस्य विशंभर नाथ नाईक मंगलवार को डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय पहुंचे। इस दौरान उन्होंने इनोवेशन हब के स्टार्टअप से मुलाकात की और उनसे लोकल फॉर वोकल पर चर्चा की। साथ ही कुलपति प्रोफेसर प्रदीप कुमार मिश्र से अपने अनुभव साझा किया। 

रोटी कपड़ा और मकान को इंटरनेट से दे रहे पहचान

मोर मिट्टी यानी मेरी मिट्टी अभियान के तहत 4 लोगों की टीम रोटी कपड़ा और मकान को इंटरनेट के जरिए वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने की कोशिश कर रही है। इसकी शुरुआत झारखंड के सिमडेगा से हुई है। जहां इन्होंने रोटी के तहत स्थानीय व्यंजनों को प्रचारित प्रसारित किया है। साथ ही उसे बाजार के मुताबिक तैयार करने का काम किया है। 

स्थानीय लोगों को रोजगार के साथ ही खुद उद्यमी बनने के लिए प्रशिक्षित भी कर रहे हैं। टीम में रोटी की जिम्मेदारी दीपाली नायक निभा रही है। वहीं कपड़ा के तहत अलग-अलग राज्यों के हस्तशिल्प एवं हथकरघा से बने कपड़ों खिलौनों सहित अन्य सामानों को स्थानीय उद्यमियों के जरिए प्रचारित प्रसारित कर रहे हैं। कपड़ा की जिम्मेदारी मीना श्री होरो निभा रही है। जबकि मकान के तहत इको टूरिज्म विलेज टूरिज्म स्प्रिचुअल टूरिज्म एग्रो टूरिज्म को बढ़ावा दे रहे हैं। मकान को असीम सिन्हा देख रहे हैं। वही रोटी कपड़ा और मकान के तहत जो भी काम हो रहा है उसे विशंभर नाथ नायक इंटरनेट के जरिए प्रचारित प्रसारित कर रहे हैं। इसी मकसद से विशंभर नाथ 13 सितंबर को सिमडेगा से साइकिल के जरिए दिल्ली की यात्रा पर निकले हैं। इस दौरान रास्ते में भी स्थानीय व्यापारियों और स्टार्टअप से मिलकर वहां की खासियत की जानकारी ले रहे हैं। अपनी 1400 किलोमीटर यात्रा के दौरान विशंभर नाथ मंगलवार को एकेटीयू पहुंचे।

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