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गुजरात के मोरबी में केबिल पुल के टूटने से नदी में गिरे सैकड़ों लोग, अब तक 80 की मौत

VOC desk: गुजरात के मोरबी में रविवार को बड़े हादसे में 80 से अधिक लोगों की मौत हो गई। वहां मच्छु नदी पर बना केबल ब्रिज के टूट गया। इस ऐतिहासिक ब्रिज पर रविवार को सैकड़ों लोग छुट्टी मनाने निकले थे।करीब 7 महीने बाद खुले इस ब्रिज पर लोग सेल्फी ले रहे थे। तभी यह टूटकर नदी में समा गया। हादसे में कम से कम 80 लोगों की मौत हो गई, जबकि 100 से अधिक घायल हुए हैं जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मौके पर गुजरात के मुख्यमंत्री भी पहुंचे। 



इस ब्रिज के रिनोवेशन का काम एक ट्रस्ट ने किया था। अब इसमें प्रशासन की लापरवाही को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। 5 दिन पहले ही मरम्मत के बाद इसे खोला गया था।  

जानकारी के मुताबिक जैसे ही लोग बड़ी संख्या में ब्रिज पर पहुंचे तो इसके बीच से दो टुकड़े हो गये। हादसे के समय ब्रिज पर मौजूद सभी लोग नदी में गिर गए जिनमें से कई लोग तैरकर बाहर भी निकल आए थे। हालांकि कितने लोग इस हादसे में नदी में डूबे हैं, इसको लेकर अभी आधिकारिक आंकड़ा सामने नहीं आया है। 



140 साल पुराना है ब्रिज

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिज 140 साल पुराना था। इस ऐतिहासिक ब्रिज की लंबाई 200 मीटर से ज्यादा थी और चौड़ाई करीब 3 से 4 फीट थी। 20 फरवरी, 1879 को मुंबई के तत्कालीन गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने इसका शिलान्यास किया था।1880 में यह ब्रिज लगभग 3.5 लाख रुपये की लागत से बनकर तैयार हुआ था। इसके निर्माण के लिए सामान इंग्लैंड से लाया गया था। इसे दरबारगढ़ से नझरबाग को जोड़ने के लिए बनाया गया था। इसकी लंबाई लगभग 765 फुट है। 

मृतकों और घायलों के लिए मुआवजे का ऐलान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हादसे पर संज्ञान लिया है। उन्होंने गुजरात के सीएम से फोन पर मामले की विस्तृत जानकारी ली और पीएम राहत कोष से मृतकों के परिवारों के लिए 2-2 लाख व घायलों को 50-50 हजार मुआवजा देने का ऐलान किया गया है। वहीं राज्य सरकार ने भी मुआवजे का ऐलान किया है. जिसमें मृतकों को 4-4 लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये देने का ऐलान राज्य सरकार ने किया है।

हेल्पलाइन नंबर जारी

मोरबी झूलता पुल गिरने की घटना में जिनके परिवार के सदस्य फंसे या लापता हैं, उनकी जानकारी के लिए प्रशासन ने नंबर जारी किया है। जिला कलेक्टर कार्यालय के आपदा नियंत्रण कक्ष का नंबर 02822 243300 जारी किया है। जिस पर लोग अपने परिजनों की जानकारी कर सकते हैं. इस बीच शासन ने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है।

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