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'यह उम्र का तकाजा है...'

लखनऊ। महिला काव्य मंच उत्तर प्रदेश (मध्य) की लखनऊ इकाई की काव्य गोष्ठी शनिवार को ऑनलाइन आयोजित की गई। डॉ. रीना श्रीवास्तव की अध्यक्षता और संयोजन में संपन्न हुई गोष्ठी गणतंत्र दिवस और बसंत पंचमी के उत्साह से सराबोर रही। गणतंत्र दिवस एवं बसंत पंचमी की शुभकामनाएं देते हुए अध्यक्षा डॉ. रीना श्रीवास्तव ने कार्यक्रम का आगाज़ किया। बतौर मुख्य अतिथि मौजूद डाॅ. राजेश कुमारी (राष्ट्रीय महासचिव एवं उप्र प्रभारी) ने अपने प्रेरणास्पद वक्तव्यों से सभी में उत्साह का संचार कर दिया। गोष्ठी का आरंभ सरस्वती वंदना से किया गया। 

तत्पश्चात अलका गुप्ता ने 'सैर दिल्ली की', डॉ. रेखा गुप्ता ने देशभक्ति रचना 'हमारे दिल से', डॉ. शोभा बाजपेई ने 'शोभा है देवी की', डॉ. कालिंदी पांडे ने 'यह उम्र का तकाजा है', अन्जू सुन्दर ने 'मना लो जश्न ए आजादी', डॉ. राजेश कुमारी ने 'राष्ट्रीय पर्व पर संकल्प', नीलम किशोर श्रीवास्तव ने 'गणतंत्र दिवस है आया', डॉ. पूनम सिंह ने 'तन है बसंत मन है बसंत', अनिता सिन्हा ने 'हाथ में लेकर एक तिरंगा', साधना मिश्रा ने हम भारत के कर्णधार', डॉ. अनुराधा पान्डेय ने 'गणतंत्र दिवस खुशियों का दिन है', डॉ. ऊषा चौधरी ने 'न्योछावर हैं प्राण हमारे' सुनाया। अंत में डॉ. रीना श्रीवास्तव ने अपनी कविता 'ऐ भारत के वीर सैनिकों' से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। अधिकतर कविताएं देशभक्ति के उत्साह से सराबोर रहीं और बसंत पंचमी के पर्व पर मां सरस्वती के वंदन एवं बसंत के रंग से रंगी रहीं। सभी कविताएं एक से बढ़कर एक रहीं और श्रोताओं की खूब वाहवाही बटोरी। अंत में डॉ. रीना श्रीवास्तव ने सभी कवयित्रियों को धन्यवाद दिया और 'सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे संतु निरामया' के संदेश के साथ मंगल कामना करते हुए कार्यक्रम को विराम दिया।

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