महिलाओं द्वारा विभिन्न कार्यशालाओ में प्रशिक्षण उपरांत मंत्र प्रस्तुतियों ने मन मोह लिया। यह प्रस्तुतियां महिलाओं ने लगभग 25 से 30 वर्ष बाद मंच पर दी। इनमें से कई प्रथम बार मंच पर आई। इन लोगों में हुनर था जज्बा था अपराजिता समूह ने उस जज्बे और हुनर को मंच पर साकार किया। लोगों ने इस जज्बे की बहुत वाहवाही की। विभिन्न प्रतियोगिताओं में 7 वर्षीय सानवी श्रीवास्तव को विशेष कैटेगरी में सम्मानित किया गया। तो वहीं दूसरी ओर 70 वर्षीय सुमन श्रीवास्तव को सबसे बुजुर्ग महिला प्रतियोगी के रूप में सम्मानित किया गया।
विभिन्न प्रतियोगिताओं का पिछले पखवाड़े आयोजन किया गया था। जिसमें विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कार सम्मान दिए गए। लोकनृत्य, लोकगीत, लेखन "किस रूडी वादी सोच से महिलाओं को बचाना चाहते हैं" विषय पर और महिला विषय पर कविताएं रंगोली पोस्टर मेकिंग आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया था। सभी प्रतियोगिताओं में लगभग 200 एंट्री आई। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पदमश्री विद्या बिंदु एवं विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर मधुरिमा लाल ने सभी का उत्साहवर्धन किया।
कार्यक्रम का संयोजन डॉ. अनुपमा श्रीवास्तव ने किया। कार्यक्रम की संचालक शशि सिंह एवं उपसंचालक पार्वती थी। कार्यशाला में प्रशिक्षण प्रीति सिंह, लालिमा सक्सेना, निधि सक्सेना, गीता सेना अनुष्का एवं नूपुर ने किया। विशेष सहयोग में प्रतिभागी अर्चना, आरती, प्रीति, विनीता, पूनम शैली, स्वाति, शिखा, प्रीति, संगीता, संध्या, स्वाति, कुसुम पाठक, कविता चंचल सहित अनेक अपराजिता महिलाएं रहीं। जिन्होंने इस कार्यक्रम को सफल बनाया।
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