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ग्रामीण अंचल में फैल रहा जल के दूषित होने का खतरा

लखनऊ। वात्सल्य संस्था द्वारा आदर्श परियोजना के तहत विकास भवन सभागार में जल-चर्चा विषयक जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें वात्सल्य संस्था से कार्यक्रम प्रबन्धक भुआल सिंह द्वारा लखनऊ जिले के ग्रामीण अंचल से 91 ग्राम पंचायतों को आच्छादित हुए 500 जल स्रोतों की गयी। जांच प्रक्रिया को साझा किया गया, साथ ही साथ प्रतिभागियों को जल जीवन मिशन के उद्देश्यों, जल सखी योजना आदि पर जानकारी प्रदान की गयी। 

पुनीत श्रीवास्तव (जल-जांच एक्सपर्ट, वाॅश सेल्यूशन संस्था) ने जल जांच के परिणामों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि जांच किये गये 500 सैम्पल में टीडीएस के आधार पर 7: जल स्रोतों का पानी पीने योग्य नहीं हैं। 13.6ः जल स्रोतों की पीएच वैल्यू के आधार पर अनुपयोगी, 39ः जल स्रोतों में फीकल काॅलीफॉर्म पाया गया। इस तरह जल के दूषित होने का खतरा लखनऊ जिले के ग्रामीण अंचल में फैल रहा है। 

 कार्यशाला में मौजूद 91 ग्राम पंचायतों के प्रधान सहित 23 सचिव एवं सभी ब्लाक के खण्ड विकास अधिकारी एवं जल निगम से जांच अधिकारी दिनेश कुमार मौजूद रहे। ग्राम प्रधानों ने जल शक्ति मिशन के तहत गांव में चल रहे कार्यों से संबंधित समस्याओं को साझा किया। मौजूद अघिकारियों ने हर घर जल पहुंचाने में आ रही समस्या - समाधान एवं जल स्वच्छता हेतु की कार्ययोजना बनायी। ग्राम प्रधानो ने खराब जल स्रोतो को जल्द से जल्द ठीक करने की बात कही।

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