लखनऊ। किसी के पति तो किसी का पुत्र। नवनिर्वाचित पार्षदों के लिए आरक्षित सीटों पर कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। नगर निगम की नवनिर्वाचित महापौर सुषमा खरकवाल व पार्षदों के शपथ ग्रहण समारोह में काफी अव्यवस्थाएं भी दिखी। वैसे तो प्रत्येक पार्षद के साथ मात्र 5 लोगों को समारोह में आमंत्रित किया गया था लेकिन अधिकांश पार्षद लावलश्कर के साथ पहुंचे। पार्षदों आरक्षित सीटों पर उनके परिजन व समर्थकों ने कब्जा कर रखा था। पूर्व पार्षद रामकृष्ण यादव अपनी मां नवनिर्वाचित पार्षद के साथ तो जानकीपुरम वार्ड द्वितीय की पार्षद राजकुमारी मौर्या के पति राजकुमार मौर्या भी समारोह के समापन तक पार्षद दीर्घा में ही बैठे रहे।
वहीं जानकीपुरम प्रथम की पार्षद निशा तिवारी के पुत्र सौरभ तिवारी भी पार्षदों के लिए आरक्षित सीट पर बैठे नजर आए, हालांकि निशा तिवारी के आने पर वह हट गए। उनका कहना था कि मां के लिए कुर्सी बचाने के लिए बैठे थे। इस दौरान कई बार मंच से पार्षदों के लिए आरक्षित सीट पर बैठे दूसरे लोगों को हटने के लिए घोषणा भी की गई, पुलिस कर्मियों से भी सीट खाली कराने के लिए कहा गया, लेकिन उसका कोई असर नहीं दिखा। जिसके चलते मुसव्विर अली मंशु, अवधेश त्रिपाठी सहित कई पार्षद काफी देर तक खड़े रहे। बाद में आगे कुर्सियां लगाई गई जिसपर अवधेश त्रिपाठी, अमित चौधरी, सौरभ सिंह मोनू सहित अन्य पार्षद बैठे। वहीं पार्षदों के लिए आरक्षित सीट पर काबिज लोगों को हटा पाने में नाकाम पुलिसकर्मी वहां कवरेज कर रहे मीडियाकर्मियों को हटाने लगे। इस दौरान कहासुनी भी हुई।
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